हिमाचल प्रदेश सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग सरकार के मीडिया प्रहरी के रूप में कार्य करता है। पिछले लगभग 6 दशक से ये विभाग सरकार एवं मीडिया में बीच कड़ी का काम करता रहा है। सरकार कोई भी रही ही विभाग किसी भेदभाव के सूचनाओं के आदान प्रदान का माध्यम रहता है। आज मीडिया का आकार बहुत बड़ा हो गया बाबजूद इसके सबको साथ लेकर चलना इस विभाग के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती रहती है।
बाबजूद इसके विपरीत परिस्थितियों में कार्य करना सरकार से लेकर मीडिया जगत से जुड़े लोगों को खुश रखने का हुनर कोई इस विभाग से सीखे। मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों के सभी कार्यक्रमों को मीडिया के माध्यम से जनता तक पहुंचना कोई आसान काम नही। प्रेस नोट में गलती से किसी का नाम छूट जाए तो नेता आसमान सिर पर उठा लेते है। सुबह से रात हो जाती है जब तक सरकार के सचिवालय या सचिवालय से बाहर होती है इनकी ड्यूटी रहती है। बाबजूद इसके कभी विभाग के कर्मचारियों के चेहरों पर शिकन तक नहीं देखी।
इस विभाग का कार्य आजकल हिमाचल प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ युवा अधिकारी अनुपम कश्यप देख रहे हैं। कश्यप 1999 बैच के एचएएस अधिकारी हैं और अब तक के अपने सेवाकाल के दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। इससे पूर्व वह उद्योग विभाग में अतिरिक्त निदेशक एवं अतिरिक्त नियंत्रक स्टोर के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, लोक निर्माण विभाग और मत्स्य विभागों के अतिरिक्त सचिव, निदेशक युवा सेवा एवं खेल, सचिव राज्य निर्वाचन आयोग के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं। इसके अतिरिक्त वह केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के चंडीगढ़ स्थित क्षेत्रिय कार्यालय में तीन वर्षों तक प्रतिनियुक्ति पर भी रहे। अनुपम कश्यप के ऊपर आजकल इस अहम विभाग का कार्यभार है जिसको वह बखूबी निभा रहे हैं।
वक़्त के साथ विभाग ने अपने को अपडेट किया है। पहले प्रेस नोट या फ़ोटो और वीडियो आने में शाम तक का इंतज़ार करना पड़ता था लेकिन अब सब फटाक से वट्सप एप्स या मोबाइल से ही सूचनाओं का आदान प्रदान हो जाता है। मुख्यमंत्री के प्रेस सेक्टरी सूचनाएं पहुंचाने में देरी नहीं करते हैं। हिमाचल सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग सिर्फ सरकारी खबरों तक ही सीमित नहीं है बल्कि सरकार के प्रचार का जिम्मा भी इसी के पास है। इसलिए देश के मीडिया एवं सरकार को संभालना इतना आसान नहीं जो ये विभाग कर रहा है।