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जब एक ही कमरे में लगेंगी तीन-तीन क्लासेज तो कैसे ‘पढ़ेगा’ इंडिया?

मृत्युंजय पूरी, धर्मशाला |

प्रदेश सरकार आए दिन जगह-जगह शिक्षण संस्थान तो खोल देती है। लेकिन जो पहले से स्कूल और कॉलेज खोले गए हैं वहां पर अभी तक भी छात्रों को दी जाने वाली शिक्षा सुविधाएं मुहैया नहीं करवाई गई हैं। कई जगह पर स्कूल तो शुरू करा  दिए गए हैं लेकिन वहां पढ़ाने के लिए अध्यापकों की कमी है और कई क्षेत्रों में  स्कूल के भवनों में बच्चों को पढ़ने  के लिए कमरे भी प्राप्त नहीं है। बहुत से स्थान ऐसे हैं जहां पर एक एक कमरे में  तीन-तीन  कक्षाएं आज भी चलाई जा रही हैं। जिसकी वजह से बच्चों को पढ़ाई में काफी दिक्कत होती है। यही वजह है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है और लोगों का विश्वास भी सरकारी स्कूलों से धीरे धीरे खत्म होता जा रहा है।  

जी हां, चम्बा जिला के राजकीय प्राथमिक पाठशाला हुनेरा की बात करें तो वहां पर भी स्कूल में कमरों की कमी की वजह से बच्चों को एक ही कमरे में तीन कक्षाएं लगाने पड़ रही है। अगर मौसम साफ हुआ तब तो बरामदे में और ग्राउंड में भी बच्चे पढ़ लेते हैं। लेकिन अगर मौसम खराब हुआ  तो उन्हें एक ही कमरे में बैठकर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ती है जिसकी वजह से सभी कक्षाओं के बच्चों को काफी दिक्कत होती है।

यहां  शिक्षा ग्रहण करें छोटे-छोटे बच्चों ने बताया कि उनके स्कूल में कमरों की कमी है जिसकी वजह से उन्हें पढ़ाई में काफी दिक्कत होती है। उन्होंने बताया कि जब मौसम खराब होता है तो एक ही कमरे में तीन-तीन कक्षाएं लगती है जिसकी वजह से उनकी पढ़ाई खराब होती है। उन्होंने प्रदेश के शिक्षा मंत्री से आग्रह किया है कि उनके स्कूल के भवन में नए कमरे बनाए  जाए ताकि उन्हें पढ़ाई करने में कोई दिक्कत ना हो।