नगर निगम शिमला ने लोगों को शुद्ध जल पिलाने के लिए आरओ लगाए थे। जो सफ़ेद हाथी बनकर रह गए है। लाखों रुपया ख़र्च करके लगाए गए इन आरओ को जंग खा रहा है। इन आरओ को लगाने का मकसद लोगों शुद्ध जल देना था। जिसके लिए पेड कार्ड भी बनाए गए। सेंसर से कार्ड स्वेप करके इन आरओ से पानी निकलता है। शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान में लगे आरओ से जरूर कुछ लोगों ने पानी के लिए कार्ड बनाए। लेकिन अब वह भी जंग खा रहे है। ऊपर से निज़ी संस्थानों ने आरओ के ऊपर ही अपने विज्ञापनों के स्टिकर चिपका दिए हैं।
ये तस्वीरें खलीनी में लगे आरओ की है जिसको लगाने पर खूब प्रचार प्रसार हुआ। पुलिस गुमटी के साथ इस आरओ को लगा भी दिया गया। लेकिन आरओ अब जंग खा रहा है। आरओ की हालात देखकर ऐसा लगता है मानों इसको लगाने के बाद से किसी ने इससे एक बूंद पानी नहीं लिया। बिना सोचे समझे इस तरह के लाखों के उपकरण खरीदकर उनको सड़ने के लिए छोड़ देना ये जनता के पैसे की बर्बादी नहीं तो क्या है? इसको लेकर सवाल का नगर निगम के पास कोई जबाब नहीं है।