उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा है कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सरकारी कर्मचारियों के हिमायती बनने के कोशिश न करें क्योंकि सरकारी कर्मचारियों को अच्छी तरह से याद है कि किसने उन्हें पुरानी पेंशन के लिए चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी। किसने पुरानी पेंशन पर आंदोलन करने के लिए उन पर पानी की बौछारें छोड़ी और किसने पुलिस के डंडों से सरकारी कर्मचारियों को पिटवाया। मुख्यमंत्री पद के अहंकार में जयराम ठाकुर ने विधानसभा में कहा था कि सरकारी कर्मचारियों को अगर पेंशन चाहिए, तो चुनाव लड़ो। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दी और भाजपा की सरकार बनते ही पुरानी पेंशन बंद कर दी गई। यह भाजपा का कर्मचारी विरोधी चेहरा है।
हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि कांग्रेस सरकार ही कर्मचारियों की सच्ची हितैषी है और सत्ता में आने के बाद पहली ही कैबिनेट बैठक में कांग्रेस सरकार ने 1.36 लाख कर्मचारियों को पुरानी पेंशन प्रदान की। इसके अतिरिक्त सवा साल के कार्यकाल में कांग्रेस सरकार ने सात प्रतिशत महंगाई भत्ता भी दिया है। पुलिस कर्मचारियों की डाइट मनी पांच गुणा बढ़ाकर 1000 रुपए कांग्रेस सरकार ने ही की है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनर्स का ध्यान भी कांग्रेस सरकार ने ही रखा है। कांग्रेस सरकार ने पेंशनर्स को दो लाख से साढ़े तीन लाख रुपए तक के वित्तीय लाभ दिए हैं। कांग्रेस सरकार ने 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को 35 प्रतिशत, 70-75 साल के बीच के पेंशनर्स को 20 प्रतिशत, 65-70 साल के पेंशनर्स को 18 प्रतिशत और 65 साल तक के पेंशनर्स को 15 प्रतिशत एरियर का भुगतान किया गया है।
उद्योग मंत्री ने कहा कि जिन पेंशनर्स और पारिवारिक पेंशनर्स की मृत्यु हो चुकी है, उनके आश्रितों को पूरे एरियर का भुगतान करने के आदेश 13 मार्च 2024 को दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे प्रदेश की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी, कांग्रेस सरकार सरकारी कर्मचारियों के वित्तीय लाभ उन्हें प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार के पांच साल में 20 हजार सरकारी नौकरियां दी, जबकि कांग्रेस सरकार ने एक वर्ष में ही 22 हजार नौकरियां दे दी हैं।
उद्योग मंत्री ने कहा कि भाजपा नेता केवल झूठ बोलने में माहिर हैं। आज केंद्र सरकार के फँसे एनपीएस के 9000 करोड़ रुपए करवाने के लिए हिमाचल भाजपा के नेता दवाब बना रहें हैं। भाजपा का काम केवल मात्र अड़ंगे लगाना रह गया है। महिलाओं की 1500 रुपए पेंशन रुकवाने के लिए भी भाजपा नेता चुनाव आयोग पर दवाब डाल रहे हैं। इसलिए भाजपा नेताओं को प्रदेश की जनता से माफ़ी माँगनी चाहिए।