सीएम साहब के सुरक्षाकर्मी किसके लिये बैटिंग कर रहे हैं । ये सवाल इतना भी टेड़ा नहीं है कि इसे समझा नहीं जा सकता है । जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री है । उनकी सुरक्षा राज्य में सर्वोपरी है । इसके लिये उनके इर्द- गिर्द हमेशा सुरक्षाकर्मीयों की भीड़ होती है । ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ जयराम जी के साथ ही है । इनसे पहले भी और इनके बाद भी, जो भी इस कुर्सी पर आसीन होंगे । उनको हमेशा सुरक्षाकर्मीयों के घेरे में रहना होगा ।
जयराम ठाकुर के सीएम की कु्र्सी में आसीन हुए दो साल से लंबा वक्त गुजर चुका है । इस दौरान एक बार नहीं कई बार, उनकी सुरक्षा में लगे जवानों के व्यवहार औऱ आचरण पर प्रश्न चिंह लगे । अभी हाल ही में तीन दिवसीय कांगड़ा दौरे के पहले दिन ही उनकी यात्रा उनके विकास कार्यों से ज्यादा, उनके सुरक्षाकर्मीयों के द्वारा बच्चों से मारपीट का मामला सुर्खियों में रहा । हालांकि, इस मामले में जब सीएम से सवाल किया गया तो उन्होंने मारपीट जैसी किसी बात से इंकार करते हुए, मुद्दे के राजनीतिकरण का आरोप लगा दिया ।
अब अगर सीएम की सुरक्षा में लगे जवानों की ये पहली शिकायत होती तो सीएम साहब के आरोपों से कोई इत्तेफाक रख सकता था । लेकिन, ऐसा है नहीं । इससे पहले चुनाव के दौरान सीएम कांगड़ा आये थे । उस दौरान भी उनकी सुरक्षा में लगे जवानों ने एक बुजुर्ग वरिष्ठ पत्रकार के साथ धक्का मु्क्की की थी । उस दौरान मंत्री विपिन परमार ने मामले को संभाला था । इसी तरह का वाक्या हमीरपुर में भी हो चुका है । जहां सीएम के सुरक्षाकर्मीयों ने बदतमीजी की । ये तो कुछ एक मामले हैं जो सामने आ जाते हैं । सीएम साहब रोज ही कहीं न कहीं होते हैं । ऐसे में रोजाना उनकी सुरक्षा में लगे जवान, आम लोगों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं, ये "राम" ही जाने ।
इस बारे में हमें भी कई लोग बता चुके हैं कि जब भी वो सीएम साहब से मिलने गये, उनके सुरक्षाकर्मीयों का आचरण ठीक नहीं था । कई लोगों की ये आम शिकायत है कि सुरक्षाकर्मी उनको सीएम साहब से मिलने नहीं देते ।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ये बात समझना होगा कि उनके सुरक्षाकर्मी नौकरी कर रहे हैं । कल किसी ओर को सुरक्षा देते थे और कल किसी ओर को देंगे । लेकिन, जयराम जी को पांच साल बाद जनता के बीच जाना होगा । उनके सुरक्षा में तैनात जवानों की नौकरी पक्की है । जयराम जी की नहीं । फिर जो जनता, आपको सीएम की कुर्सी पर सुशोभित करती है । बार – बार उनके तरफ से ऐसी शिकायत क्यों आ रही है । ऐसे मामलों को राजनीति का नाम देकर, टालना कहीं भविष्य में सीएम साहब के लिये ही उल्टा न पड़ जाये । वो क्यों नहीं, इस मामले में संज्ञान लेते हैं कि जिन लोगों ने उन्हें गद्दी पर बिठाया, उनकी तरफ से एक ही तरह की शिकायत एक अंतराल के बाद क्यों आ रही है ।