देश मे एक तरफ़ जहां विधायक और सांसद शपथ लेने के बाद एक दिन में ही ताउम्र पेंशन का हक़दार बन जाता है। लेकिन जो कर्मचारी 40 साल तक देश की सेवा कर रहे हैं उनको न के बराबर एनपीएस के तहत पेंशन मिल रही है जो कि गलत है। यदि कर्मियों को पेंशन नही देनी है तो माननीयों की पेंशन भी बंद हो। ये मांग एनपीएस कर्मचारी संघ ने की है। 2003 से सरकार ने न्यू पेंशन स्कीम में देश के लाखों कर्मियों को पेंशन से बाहर कर दिया है। दिव्यांग एवं दिवंगत कर्मियों के आश्रितों को पुरानी पेंशन सीसीएस रूल 1972 को भी केंद्र की तर्ज़ पर हिमाचल सरकार ने लागू नही किया है।
इसके ख़िलाफ़ कर्मचारी लगातार आंदोलनरत हैं बाबजुद इसके पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल नहीं किया जा रहा है। विरोधस्वरूप 26 नवंबर को संविधान दिवस पर एनपीएस कर्मचारी संघ संसद मार्च करेगी। कर्मचारी नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के आहवान पर संसद मार्च किया जा रहा है। एनपीएस कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेश ठाकुर ने बताया कि 2003 के बाद सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मात्र 500 से 2000 रुपए मिल रहे हैं। कर्मियों को उम्मीद है कि केंद्र सरकार पुरानी पेंशन को बहाल करेगी।