शिमला के कसौली गोलीकांड में सरकार ने 5 अधिकारियों को सुरक्षा में ढील बरतने के लिए निलंबित कर दिया। एसपी सोलन रहे मोहित चावला पर भी निलंबन की गाज गिर गई। जबकि, एसपी सोलन उस दिन मौके पर मौजूद ही नहीं थे क्योंकि उस दिन वह मुख्यमंत्री के साथ ही उनके दौरे में ड्यूटी कर रहे थे।
बहुत पुरानी बात नहीं है इससे पहले एसपी गौरव को सरकार ने इसलिए बदल दिया था क्योंकि वह उनके साथ दौरे के दौरान नहीं थे। अब मान भी लिया जाए कि कानून व्यवस्था का जिम्मा एसपी के हवाले होता है तो फिर उस एसडीएम का क्या जो उस दिन मौके पर कसौली में मौजूद थे तो क्या कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी उनके ऊपर नहीं थी।
फिर एसडीएम को क्यों नहीं बदला गया। बताया तो ये जा रहा है कि मंडलायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर सरकार द्वारा ये कार्यवाही अमल में लाई जा रही। लेकिन, अब लोग इस तरह के सवाल उठा रहे हैं कि गोलीकांड के लिए क्या सिर्फ 14 लोग ही जिम्मेदार थे जिनके ऊपर गाज गिरी है?