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अनाथ बच्चों का सहारा बनी CM जयराम की पत्नी डॉ. साधना, मदद के लिए बढ़ाए हाथ

नवनीत बत्ता |

जिला मंडी के करसोग गांव विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले 3 अनाथ बच्चों के लेकर पिछले दिनों एक खबर को 'समाचार फर्स्ट' ने प्रमुखता से उठाया था और  उसने बताया था कि किस तरह से  बच्चे अपने माता-पिता के देहांत के बाद अपना जीवन यापन कर रहे हैं। साथ ही यह भी बताया गया था कि उसके ताया जिसके खुद के चार बच्चे हैं वह अपने भाई के तीन और बच्चे कैसे पाल रहा है। उसके बाद वहां के स्थानीय विधायक हीरालाल से भी फोन के माध्यम से संपर्क किया गया  और उन्होंने 'समाचार फर्स्ट' को कहा कि वह सोमवार तक इस सारे मामले को खुद देखेंगे और उपायुक्त के माध्यम से उचित कार्रवाई जल्दी से जल्दी करेंगे। 

अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की धर्मपत्नी डॉ. साधना ने इस सारे मामले को मीडिया से लेकर उपायुक्त मंडी  के समक्ष उठाया और अब इन बच्चों के जीवन यापन में कोई दिक्कत नहीं आने वाली है। क्योंकि, सरकार की तरफ से  एक योजना के तहत हर बच्चे को 2000 हजार रूपये हर महीने उनके पालन पोषण और पढ़ाई के लिए दिया जाएगा। इसके साथ ही 3000 रूपये मंडी की एक संस्था इन बच्चों की पढ़ाई के लिए हर महीने देगी। इसके लिए बकायदा बच्चे के ताया को बुलाया गया था और उसको उसने बच्चों की जिम्मेदारी लेने की बात भी कही थी।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की धर्मपत्नी डॉ. साधना के त्वरित कार्रवाई से पांगणा के तीन अनाथ बच्चों को जीवनयापन और पढ़ाई की मदद मिल पाई है। तीन बच्चों को पालने और पढ़ाने के लिए अब इनके ताया को हर महीने 9 हजार रुपये मिलेंगे। डॉ. साधना के ध्यान में यह मामला सोशल मीडिया के जरिए आया। करसोग उपमंडल की पांगणा उपतहसील की सोरता पंचायत के खनयोग गांव में तीन मासूम बच्चे अपने गरीब ताया के पास जिंदगी काट रहे हैं। 12 बर्षीय निर्मला, 9 बर्षीय अर्चना और 5 बर्षीय नरेंद्र इस छोटी सी उम्र में ही अनाथ हो गए हैं।

सितंबर, 2012 में माता लता देवी की प्रसव के दौरान मृत्यु हो गई। मार्च, 2018 में पिता जीत सिंह भी बीमारी के कारण चल बसे। अब ऐसे में इन मासूमों के पालन पोषण का जिम्मा इनके गरीब ताया लोकपाल ने संभाल रखा है। लोकपाल बीपीएल परिवारों की सूची में आता है। खुद के चार बेटे हैं। पत्नी और एक बुजुर्ग मां भी है। लोकपाल को छह महीने पहले सरकार की बाल बालिका सुरक्षा योजना के बारे में पता चला तो उन्होंने सीडीपीओ करसोग के पास इसके लिए आवेदन किया। इस योजना के तहत यदि कोई रिश्तेदार ऐसे बच्चों का पालन पोषण करता है तो उसे हर महीने सरकारी मदद दी जाती है।

साथ ही बच्चों की परवरिश के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की धर्मपत्नी डॉ. साधना ठाकुर ने तुरंत संज्ञान लिया। इस कारण जिला प्रशासन हरकत में आया और एक एनजीओ प्राउड ऑफ नेशन ने भी मदद को हाथ बढ़ाया है। प्रशासन ने जहां बच्चों के लिए बढिय़ा पढ़ाई उपलब्ध करवाने की बात कही, वहीं एनजीओ ने बच्चों की पढ़ाई के लिए हर महीने 3000 रुपये देने का वादा किया है।

मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी ने डीसी मंडी से संपर्क साधा और उचित मदद के लिए कहा। प्रशासन ने उसी समय पंचायत प्रधान सोरता कोमल कुमारी को बच्चों सहित मंडी आने को कहा। वहां पर ताया लोकपाल ने स्वयं परवरिश की हामी भरी। इसलिए डीसी मंडी के सामने एनजीओ ने हर महीने 3000 रुपये और जिला बाल संरक्षण इकाई ने प्रति बच्चा 2000 रुपये देने का वादा किया है।