प्रदेश सरकार ने जनजातीय क्षेत्रों के लिए होने वाली शीतकालीन हेलीकॉप्टर सेवा में ढाई साल तक के बच्चों के लिए मुफ्त हवाई सफर का प्रावधान किया है। इससे अधिक नौ साल तक के बच्चों के लिए 750 रुपये प्रति सीट और रेफर मरीजों के लिए 700 रुपये प्रति सीट तय है। गैर जनजातीय लोग भी 7000 रुपये देकर हेलीकॉप्टर सेवा का लाभ उठा सकते हैं। उन्हें उड़ान समिति के पास किस उद्देश्य से हवाई सेवा का लाभ लेना है, यह कारण बताना पड़ेगा।
सरकार ने शनिवार से जनजातीय क्षेत्रों के लिए शीतकालीन हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की। अब यात्रियों को हेलीकॉप्टर में सीट वरिष्ठता के आधार पर नहीं, बल्कि संभावित उड़ान की तिथि के आधार पर उपलब्ध होगी। उड़ान समिति से मिली जानकारी के मुताबिक कई यात्रियों ने जनवरी या फरवरी में अपने गंतव्यों की ओर जाना होता है। वे पहले ही सीट बुकिंग करवा लेते हैं। बाद में वरिष्ठता को लेकर अफवाहें फैला देते हैं लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। यात्रियों को संभावित उड़ान की तिथि के आधार पर ही सीट मिलेगी। रोहतांग दर्रा बंद होने पर लाहौल-स्पीति, चंबा के आजोग, किलाड़ और साच हेलीपैड के लिए 13 दिसंबर से हेलीकॉप्टर सीट बुकिंग की प्रक्रिया शुरू है।
अब इन क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही हेलीकॉप्टर से ही होगी। उपायुक्त लाहौल-स्पीति अश्वनी कुमार चौधरी ने कहा कि हेलीकॉप्टर सीट में पहली प्राथमिकता मरीजों और परीक्षार्थियों को दी जाएगी। कुल्लू में तैनात उड़ान समिति के प्रभारी अशोक कुमार ने कहा कि यात्रियों को सीट वरिष्ठता के आधार पर नहीं, बल्कि आवेदनकर्ताओं द्वारा अपने आवेदन पत्र में लिखे संभावित उड़ान तिथि के आधार पर ही सीट दी जाएगी। हेलीकॉप्टर सीट को लेकर पूरी तरह से पारदर्शिता बरती जाएगी।