हिमाचल प्रदेश में इन दिनों क्रशर मालिक सरकार की नीतियों को लेकर धरने प्रदर्शन पर हैं और क्रशरों को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है । लेकिन अब जब क्रशर खोलने की शर्तों को लेकर सरकार क्रशर मालिकों के आगे झुकने के लिए तैयार नहीं है और खनन पर पूरी तरह नकेल कसे हुए है। ऐसे में इंजीनियर इन चीफ पीडब्ल्यूडी वीके शर्मा ने सरकार को एक चिट्ठी लिखी है जिसमें कहा गया है कि अगर सरकार ने क्रशर मालिकों को लेकर जल्दी ही कोई फैसला नहीं लिया तो प्रदेश के विकास को लेकर बड़ा नुकसान हो सकता है ।
उन्होंने अपने लेटर के माध्यम से बताया है कि प्रदेश में इस समय करीब 1000 करोड से अधिक के काम सड़कों के निर्माण को लेकर और नई सड़कों को बनाने को लेकर लगातार चल रहे हैं। प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत चल रहे कामों को लेकर 31 मार्च और 31 जून का टारगेट केंद्र सरकार की तरफ से दिया गया है । लेकिन अगर क्रशर की हड़ताल इसी तरह जारी रही तो यह काम समय पर पूरे नहीं होंगे। जिससे बड़ा नुकसान प्रदेश को आर्थिक रुप से हो सकता है और विशेष रूप से प्रदेश की जनता को भी बड़ा नुकसान होगा । इंजीनियर वीके शर्मा ने सरकार को यह लेटर लिखा है जिसमें उन्होंने इस समस्या को उजागर किया है।
अब देखना यह है कि सरकार क्या इस लेटर के माध्यम से जिस तरह से क्रशर मालिकों के हक में परोक्ष रूप से निर्णय देने की बात कही गई है क्या निर्णय लेती है। वहीं सारे विषय पर क्रशर मालिकों का कहना है कि हम तबतक नहीं झुकेंगे जब तक सरकार मैकेनिकल हैंडलिंग को लेकर उन्हें छूट नहीं देती। और इसी के साथ FIR वाला जो नया मामला सरकार ने नोटिफिकेशन में डाला है उसको वापस नहीं देते । उन्होंने कहा कि खनन रुकना चाहिए लेकिन सरकार को अपने तंत्र को पारदर्शी और सशक्त बनाना चाहिए न की क्रशर मालिकों के ऊपर इस तरह से पाबंदियां लगानी चाहिए।