मादक दवाओं और नशीले पदार्थ एक्ट को लेकर हाई कोर्ट, राज्य लीगल सर्विसेज अथॉरिटी और प्रदेश ज्यूडिशियल अकादमी के संयुक्त तत्वोवधान में शिमला हाई कोर्ट में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नारायण स्वामी ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।कार्यशाला में युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति पर चिंता प्रकट की गई।
हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एल नारायण स्वामी ने अपने संबोधन ने बताया कि नशा प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की एक बड़ी समस्या बन गई है। जो व्यक्ति एक बार नशे के दलदल में फस जाता है वह फिर इसका आदी हो जाता है वह कानून की नजर में जाने अनजाने भी दोषी बन जाता है।उसे नशे से बाहर निकालना बेहद मुश्किल काम है लेकिन समाज के सभी लोगों को नशे के दुष्प्रभाव के प्रति युवाओं को जागरूक करना चाहिए ताकि इससे बचा जा सके।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कानून में सभी को अच्छे से रहने, खाने और स्वास्थ्य का अधिकार दिया गया है इसलिए हमें नशे की रोकथाम के लिए और युवाओं को जागरूक करने के लिए कार्य करना होगा। कार्यशाला में हाई कोर्ट अन्य न्यायधीश, डीजीपी और डीसी शिमला आदित्य नेगी भी मौजूद रहे।