भाषा एवं संस्कृति विभाग कांगड़ा के सौजन्य से आज मंगलवार को अंद्रेटा में लुप्त प्रायः पारम्परिक लोक कला लिखणू पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ शोभा सिंह स्मारक कला सोसाईटी के अध्यक्ष कृष्ण गोपाल बुटेल द्वारा किया गया। सोसायटी के महासचिव हृदय पाल सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यशाला में कमलजीत कौर ने लिखणू प्रशिक्षक की भूमिका निभाई। कार्यशाला में 40 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया।
इस अवसर पर जिला भाषा अधिकारी सुरेश राणा ने कार्यशाला में अपने संम्बोधन में कहा कि जिला कांगड़ा में लोक परम्परा लिखणू को महिलाओं द्वारा अनेक उत्सवों/वैवाहिक/मुंडन इत्यादि त्यौहारों पर गोबर, चावल के आटे, रंगों से जमीन पर उकेरा जाता है, उसे लिखणू की परिभाषा दी गई है। लिखणू चित्रकला का छोटा सा प्रयास ड्राईंग सीट के माध्यम से किया गया। कार्यक्रम में प्रशिक्षुओं को लिखणू परम्परा पर फिल्म/विडियोग्राफी भी दिखाई गई। फिल्म में यह दर्शाया गया कि इस विलुपत हो रही परम्परा को कैसे हम संजो सकते हैं और इस पर कैसे कार्य किया जा सकता है, ताकि आने वाली पीढ़ी को हम इस अमूल्य विरासत से स्बरू करवा सकें।
सुरेश राणा ने प्रशिक्षुओं को कार्यशाला में भाग लेने और इस विलुप्त हो रही परम्परा को बचाए रखने के लिए धन्यावाद किया और कहा कि विभाग इस तरह के कई कार्यक्रम लोक कला, लोक संस्कृति को बचाने के लिए समय-समय पर ऐसे कार्यक्रम करवाता रहा है। ताकि इस संस्कृति का जीवंत रखा जा सके।