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‘टूटते परिवेश में दरकिनार हो रहे बुजुर्ग, कहां जा रहा देश’

पी. चंद, शिमला |

आज विश्व वृद्धजन दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस है। विश्वभर में बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है। बुजुर्गों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हो रही हैं। बुजुर्ग दुर्व्यवहार एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है। इस समस्या से लोगों को जागरूक करवाने के लिए हेल्प ऐज शिमला चैप्टर द्वारा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें पुलिस प्रमुख एसआर मरडी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।

हेल्प ऐज के हिमाचल हेड डॉ. राजेश कुमार ने कहा की हेल्प ऐज इंडिया ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें सामने आया कि 29 फीसदी देखभालकर्ता और 15 फ़ीसदी फ़ीसदी ने ये माना कि बुजुर्ग उनपर बोझ है। 45 फीसदी दंपति वर्ग ने माना कि वह बुजुर्गों के साथ नहीं रहना चाहते हैं  और उनसे दुखी हैं। शिमला में 29 फ़ीसदी देखभालकर्ता बुज़ुर्गो को बोझ मानते है। 15 फ़ीसदी ने माना कि वह बुजुर्गों से दुखी है।

एक अध्ययन के मुताबिक वैश्विक स्तर पर साठ वर्ष की आयु एवं उससे अधिक आयु वर्ग के पंद्रह दशमलव सात प्रतिशत लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। भारत में लगभग 104 मिलियन से ज़्यादा बुजुर्ग लोग हैं तथा वर्ष 2026 तक इस संख्या में 173 मिलियन की वृद्धि होने की संभावना है। बुजुर्गों को वृद्धावस्था में दुर्व्यवहार के सभी प्रकारों जैसे कि वित्तीय और भौतिक शोषण, जो कि गरीबी, भूख, आवासहीनता, ज़ोखिम स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती तथा यहां तक कि समय से पहले मृत्यु दर के कारण से मुक्त होकर अस्मिता एवं सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार है।