हिमाचल में लाहौल-स्पीति जिला के उदयपुर एवं केलांग उपमंडल में ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद और काजा में जिला परिषद और चंबा के पांगी उपमंडल में पंचायत और पंचायत समिति चुनाव हो रहे हैं। लेकिन उपचुनावों से हिमाचल सरकार ने किनारा कर लिया है। सरकार द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर ही हिमाचल के मंडी लोकसभा, फतेहपुर, जुब्बल कोटखाई और अर्की उपचुनाव को टाल दिया गया है। लेकिन इसी बीच पंचायती राज चुनाव हो रहे हैं।
क़बायली क्षेत्रों में हो रहे चुनावों को लेकर जनजातीय मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने बताया कि भले ही हिमाचल ने त्यौहारों, सेब सीजन और मॉनसून का हवाला चुनाव को लेकर दिया था। लेकिन ये काम भारत निर्वाचन आयोग का है। कांग्रेस पार्टी उसमें राजनीति कर भ्रम फ़ैलाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस पार्टी धर्मशाला और पच्छाद का उपचुनाव हारी है। उनके पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए इस तरह की बयानबाजी कर रही है। उन्होंने बताया कि क़बायली क्षेत्रों में हो रहे चुनावों का लाभ सरकार को मिलेगा। क्योंकि सरकार ने इन क्षेत्रों में काम करवाए हैं। भले ही चुनाव पार्टी चिन्ह पर नहीं हो रहे हैं।
गौरतलब है कि 31 अगस्त को हिमाचल निर्वाचन आयोग की तरफ़ से अधिसूचना जारी की थी जिसके मुताबिक़ पहले चरण का मतदान 29 सितंबर सुबह सात से दोपहर बाद तीन बजे तक होगा। दूसरे चरण का मतदान पहली अक्तूबर को होगा। इन क्षेत्रों में छह अक्तूबर तक आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई है। हिमाचल में जनवरी, 2021 में तीन चरणों में चुनाव हुए थे। जनजातीय क्षेत्रों में 24 जून को कार्यकाल पूरा हुआ, लेकिन कोरोना बंदिशों के चलते चुनाव नहीं हो पाए थे।