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होली के रंग में डूबे युवा, स्कूली बच्चों ने एक दिन पहले ही धूमधाम से मनाई होली

<p>जिला हमीरपुर मुख्यालय में युवा युवतियों ने प्रेम और भाईचारे का प्रतीक होली उत्सव धूमधाम से मनाया गया। होली की छुट्टी के चलते स्कूली बच्चों ने पेपर देने के बाद लगाओ ऑर्गेनिक रंग से रंगे हुए दिखे। क्यों मनाया जाता है होली उत्सव। रंगों के त्यौहार&#39; के तौर पर मशहूर होली का त्योहार फाल्गुन महीने में पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। तेज संगीत और ढोल के बीच एक दूसरे पर रंग और पानी फेंका जाता है। भारत के अन्य त्यौहारों की तरह होली&nbsp; भी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। प्राचीन पौराणिक कथा के अनुसार होली का त्योहार, हिरण्यकश्यप की कहानी जुड़ी है।</p>

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<p><span style=”color:#c0392b”><strong>प्राचीन काल से इस राजा से जुड़ी है यह कहानी</strong></span></p>

<p>हिरण्यकश्यप प्राचीन भारत का एक राजा था जो कि राक्षस की तरह था। वह अपने छोटे भाई की मौत का बदला लेना चाहता था। जिसे भगवान विष्णु ने मारा था। इसलिए अपने आप को शक्तिशाली बनाने के लिए उसने सालों तक प्रार्थना की आखिरकार उसे वरदान मिला। लेकिन इससे हिरण्यकश्यप खुद को भगवान समझने लगा और लोगों से खुद की भगवान की तरह पूजा करने को कहने लगा। इस दुष्ट राजा का एक बेटा था। जिसका नाम प्रहलाद था और वह भगवान विष्णु का परम भक्त था।</p>

<p>प्रहलाद ने अपने पिता का कहना कभी नहीं माना और वह भगवान विष्णु की पूजा करता रहा। बेटे द्वारा अपनी पूजा ना करने से नाराज उस राजा ने अपने बेटे को मारने का निर्णय किया। उसने अपनी बहन होलिका से कहा कि वो प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ जाए। क्योंकि होलिका आग में जल नहीं सकती थी। उनकी योजना प्रहलाद को जलाने की थी। लेकिन उनकी योजना सफल नहीं हो सकी क्योंकि प्रहलाद सारा समय भगवान विष्णु का नाम लेता रहा और बच गया पर होलिका जलकर राख हो गई।</p>

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<p>होलिका की ये हार बुराई के नष्ट होने का प्रतीक है। इसके बाद भगवान विष्णु ने हिरण्यकश्यप का वध कर दिया। इसलिए होली का त्योहार होलिका की मौत की कहानी से जुड़ा हुआ है। इसके चलते भारत के कुछ राज्यों में होली से एक दिन पहले बुराई के अंत के प्रतीक के तौर पर होली जलाई जाती है और पुरानी दुश्मनी को तुम कर प्रेम और भाईचारे का संदेश होली उत्सव से मिलता है देखा गया है कुछ लोग पुरानी दुश्मनी के चलते एक दूसरे से बातचीत तक नहीं करते। जब होली का उत्सव आता है तो रंग लगाने के लिए आगे बढ़ते हैं। एक दूसरे को रंग लगाकर नई जिंदगी की शुरुआत इस दिन करते हैं। तभी होली उत्सव को प्रेम और भाईचारे का प्रतीक भी माना गया है।</p>

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