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नशा मुक्त हिमाचल बनाने के लिए आगे आएं युवा: राज्यपाल

पी. चंद, शिमला |

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने युवाओं का आह्वान किया कि देवभूमि हिमाचल को नशामुक्त बनाने और समाज को इस बुराई के खिलाफ जागरूक करने के लिए वे आगे आएं। वह आज यहां गेयटी थियेटर में सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा ‘‘भारत की परिकल्पनाः नशामुक्त संस्कारयुक्त युवा’’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत एक युवा राष्ट्र है जिसकी 15 से 35 वर्ष की आयु वर्ग की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, जबकि विदेशों में कम हो रही है। हमारी जनसंख्या वर्ष 2036 तक लगभग 65 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी। जनसांख्यिकीय लाभांश को पूरी तरह से तभी महसूस किया जाएगा जब भारत अपनी जनसंख्या को सार्वभौमिक गुणवत्ता की शिक्षा देने में सक्षम होगा। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति इस दिशा में एक कारगर कदम है। शिक्षित भारत, स्वस्थ भारत, स्वच्छ भारत, श्रेष्ठ भारत, सुरक्षित भारत, विकसित भारत और उत्कृष्ट भारत की परिकल्पना को तभी साकार किया जा सकता है जब देश का युवा आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ चरित्रवान हो और राष्ट्र के प्रति समर्पित हों।

राज्यपाल ने कहा कि आज हमारी युवा पीढ़ी आज नशे का शिकार हो रही है। नशे के कारोबारियों को कानून की गिरफ्त में लाने की ज़रूरत है। हमें विद्यार्थियों और युवाओं को साथ लेकर नशे की बुराई के खिलाफ जन आंदोलन छेड़ना पड़ेगा। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि हिमाचल प्रदेश को नशामुक्त बनाने मेें अपना योगदान दें। उन्होंने संतोष जताया कि नशे के बढ़ते अवैध धंधे के खिलाफ हिमाचल प्रदेश सरकार की पहल पर पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, केन्द्र शासित दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर एवं चंडीगढ़ के साथ मिलकर एक संयुक्त कार्य दल का गठन किया गया है। सभी राज्य नशे से सम्बन्धित सूचनाओं को सांझा कर रहे हैं ताकि इस कुरीति पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जा सके।

उन्होंने लोगों से नशे के खिलाफ मुहिम में सरकार का सहयोग देने की अपील की। उन्होंने नशे के खिलाफ युवाओं को जागरूक करने में ट्रस्ट की भूमिका की भी सराहना की। राज्यपाल ने इस अवसर पर नशा उन्मूलन की दिशा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों एवं समाज सेवियों को भी सम्मानित किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अथिति महेंद्र पांडेय ने कहा कि सुनील उपाध्याय का जीवन ही प्रेरणादायक है। उनमें संगठन के गुण और संघर्ष का जज्बा कूट-कूट कर भरा था। उन्होंने सुनील उपाध्याय के साथ बिताए दिनों की यादों करते हुए कहा कि अपने अंतिम दिनों में भी वह प्रदेश में विद्यार्थी परिषद् के संगठन को लेकर चर्चा करते थे। यही वजह है कि उनके समय में राज्य में खड़े किये संगठन से आज राष्ट्र स्तर पर अनेक नेता हिमाचल से हैं, जिनमें भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी शामिल हैं। उनके हर राजनीतिक विचारधारा के व्यक्तियों से अच्छे संबंध थे।

उन्होंने कहा कि हर समाज में युवा ही सामाजिक परिवर्तन के सूत्रधार बनते हैं इसलिए युवाओं से ही देश को अपेक्षा रहती है। देश का युवा व्यसनों से मुक्त हो कर स्वावलंबी बने इसके लिए प्रयास किए जाने चाहिए। कार्यक्रम के विशेष आमंत्रित सदस्य प्रो. नागेश ठाकुर ने इस अवसर पर राष्ट्रीय निर्माण में सुनील उपाध्याय के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् का प्रदेश में आज का विशाल स्वरूप श्री उपाध्याय के त्याग का ही परिणाम है। नशे के माध्यम से सबसे युवा राष्ट्र भारत के युवाओं को कमजोर करने की साजिश की जा रही है, जिस के खिलाफ यह ट्रस्ट कार्य कर रहा है। महाधिवक्ता एवं उपाध्यक्ष, सुनील उपध्याय एजुकेशन ट्रस्ट अशोक शर्मा ने कहा कि आज परिवार के साथ जुड़ाव की जरूरत है और युवा के साथ आप का कितना समन्वय है, यह अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस अवसर पर ट्रस्ट की गतिविधियों की जानकारी दी।