चीन के हुबेई प्रांत में फंसे 15 भारतीय छात्र केरल के कोच्चि पहुंच गए। छात्रों के परिजन भी एयरपोर्ट पर पहुंचे थे, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया। एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि संक्रमण का पता लगाने के लिए छात्रों की विधिवत जांच की गई। छात्र पहले हुबेई से थाईलैंड की राजधानी बैंकाक पहुंचे जिसके बाद वे एयर एशिया की फ्लाइट से रात 11 बजे कोच्चि पहुंचे।
एयरपोर्ट से उन्हें सीधे पांच एंबुलेंस से कलामस्सेरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें अलग वार्ड में रखा गया। जांच में छात्र इस वायरस से संक्रमित नहीं पाए गए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई। अधिकारियों ने बताया कि छात्रों को अपने घरों में कम से 28 दिनों तक अलग रहने की सलाह दी गई है। इस बीच, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि केरल में घोषित ‘राज्य आपदा’ वापस लेने के बाद भी कड़ी सतर्कता बरती जा रही है। केरल में कोरोना से संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य आपदा घोषित किया गया था।
कोरोना वायरस पर अलर्ट के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सोलन में चीन के आठ नागरिकों की पहचान की है। ये सभी वर्क वीजा पर यहां पहुंचे हैं। विभाग ने इन्हें अपनी निगरानी में रखा है और सुबह-शाम इनके स्वास्थ्य की जानकारी ले रहा है। जिले में अब तक कुल 16 ऐसे लोगों की पुष्टि हुई है, जो कोरोना वायरस फैलने के बाद चीन से लौटे हैं। इनमें आठ लोग सोलन से संबंध रखने वाले हैं जबकि आठ चीन के हैं। प्राथमिक जांच में इनमें वायरस के लक्षण नहीं मिले हैं। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनके गुप्ता ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग कोरोना वायरस को लेकर गंभीर है। जैसे ही चीन के लोगों का पता चला तो इन्हें विभाग की निगरानी में ले लिया है।