चंडीगढ़ के एक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाला छात्र अब वह गूगल में नौकरी करने जा रहा है और हर महीने उसकी तनख्वाह 12 लाख रुपए होगी। हरियाणा के गांव मथाना के हर्षित के बनाए Graphics गूगल कंपनी को इतने पसंद आए कि उसे स्कॉलरशिप के लिए चुन लिया। हर्षित अब अमेरिका के स्टडी सेंटर में पढ़ेगा। 4 लाख रुपये महीना Scholarship भी मिलेगी। कोर्स पूरा होने के बाद सालाना डेढ़ करोड़ का पैकेज मिलेगा।
हर्षित ने गांव में ही छोटे से निजी स्कूल में ही दसवीं तक की शिक्षा प्राप्त की थी। चंडीगढ़ में आइलेट्स की तैयारी के लिए गांव से प्रतिदिन चंडीगढ़ जाता था। उसके पिता डॉ. राजेंद्र शर्मा पंजाब के पातड़ा में स्थित निजी बीएड कॉलेज में प्राचार्य के पद पर हैं। मां भारती शर्मा प्राइवेट स्कूल में शिक्षिका हैं। चाचा नरेंद्र ¨सह पंजाबी गायकों के लिए पोस्टर डिजाइन का काम करते हैं। उन्हीं के पोस्टर को देखकर उसमें ग्राफिक्स डिजाइनर का शौक पैदा हुआ।
12वीं कक्षा की पढ़ाई करते हुए गूगल की स्कॉलरशिप के लिए जब आवेदन किया तो 30 हजार फीस भरनी थी। चाचा ने इसके लिए मदद की। उसके बनाए ग्राफिक्स और परीक्षा में पास होने पर उसे स्कॉलरशिप के लिए चुन लिया गया। पहले प्रयास में भी कॉल आई थी, तब नाना के बीमार होने के कारण जवाब नहीं दे सका था।