<p> केंद्रीय श्रमिक संघों के 20 करोड़ कर्मचारी मंगलवार से 2 दिन की देशव्यापी हड़ताल पर हैं। इनका आरोप है कि सरकार की नीतियां श्रमिक विरोधी हैं। इसके खिलाफ प्रदर्शन के लिए हड़ताल का फैसला लिया गया। वेतन बढ़ोतरी समेत श्रमिक संगठनों की 12 सूत्रीय मांगें हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, टेलीकॉम, कोल, स्टील, बैंकिंग, इंश्योरेंस और ट्रांसपोर्ट सेक्टर में 10 श्रमिक संगठनों के कर्मचारी हड़ताल में शामिल हैं। इससे इन सेक्टर की सेवाओं पर असर पड़ेगा।</p>
<p> <span style=”color:#c0392b”><strong>ये 10 श्रमिक संगठन हड़ताल में शामिल:</strong></span> आईएनटीयूसी, एआईटीयूसी, एचएमएस, सीआईटीयू, एआईटीयूसी, टीयूसीसी, एसईडब्ल्यूए, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ, यूटीयूसी<br />
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एआईटीयूसी की महासचिव अमरजीत कौर ने सोमवार को कहा कि श्रमिक संगठन सरकार के एकतरफा श्रमिक सुधारों के खिलाफ हैं। हमने लेबर कोड पर सरकार को सुझाव दिए थे लेकिन, मांगें नहीं मानी गईं। साल 2016 और 2017 में भी हमने हड़ताल की थी लेकिन, सरकार ने वार्ता जरूरी नहीं समझी।</p>
<p>अमरजीत कौर ने कहा कि सरकार रोजगार बढ़ाने में नाकाम रही है और श्रमिक संगठनों की 12 सूत्रीय मांगों की अनदेखी कर रही है। सितंबर 2015 की हड़ताल के बाद से मंत्री समूह ने श्रमिक संगठनों से कोई वार्ता नहीं की है।</p>
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