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अलीगढ़ मर्डर केसः देश में फैली आक्रोश की लहर, आरोपियों को दी जाए फांसी की सजा

समाचार फर्स्ट डेस्क |

अलीगढ़ के टप्पल में मासूम बच्ची का अपहरण कर उसकी हत्या के बाद लोगों में काफी आक्रोश फूट पड़ा है। लोग सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और बच्ची के लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं। टप्पल में हालत कहीं बेकाबू न हो जाएं, इसे देखते हुए रविवार को दूसरे दिन भी सुरक्षा बलों ने फ्लैग मार्च किया। टप्पल में 30 मई को एक ढाई साल की बच्ची गायब हुई थी। 2 जून को उसका क्षत-विक्षत शव घर से 100 मीटर दूर मिला। बच्ची के पिता ने पहले ही दिन हत्या का शक मुहल्ले के जाहिद पर जताया था।

ढाई साल की इस बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए पूरा देश उठ खड़ा हुआ है। कहीं कैंडल मार्च निकाला जा रहा है तो कहीं पुलता फूंका जा रहा है। कहीं लोग अनशन पर बैठे हैं तो कहीं प्रतीकात्मक फांसी लगाकर लोग अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। किसी को यकीन नहीं हो रहा है कि आखिर ढाई साल की मासूम बच्ची को कोई गला दबाकर मार कैसे सकता है। देश में हर तरफ आक्रोश और गुस्सा है।

टप्पल की मासूम की हत्या मामले में जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, पैरों तले जमीन खिसकाने वाले खुलासे भी सामने आ रहे हैं। ढाई साल की बेटी को बड़ी बेरहमी से मारा गया। बच्ची की सांसें गला दबाकर रोकी गई। इस भयानक हत्याकांड को आरोपी असलम के घर अंजाम दिया गया। शक है कि लाश को जाहिद की पत्नी के दुपट्टे से लपेट कर फ्रीज में छुपाया गया ताकि बदबू न आए।

इस घटना के बाद पूरे टप्पल में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। इलाके में कानून व्यवस्था बनी रहे, इसके लिए सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। पुलिस ने इस हत्याकांड में अब तक मुख्य आरोपी जाहिद, उसके भाई मेहंदी, जाहिद की बीवी और जाहिद के दोस्त को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि गुनाह की एक और राजदार मेहंदी की पत्नी फरार है। एसआईटी जांच के बाद अब मामले की मजिस्ट्रेट से भी जांच कराई जा रही है।

दरिंदगी की सारी हदें पार कर देने वाली इस वारदात को लेकर अब वकीलों ने भी मोर्चा खोल दिया। अलीगढ़ बार एसोसिएशन ने आरोपियों की तरफ से केस ना लड़ने का फैसला किया है। दूसरी ओर हत्या के दो आरोपियों के खिलाफ रासुका के तहत मामला दर्ज़ कर मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में स्थानांतरित करवाने का फैसला योगी आदित्यनाथ की सरकार की ओर से लिया गया है।

अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरि ने कहा कि हम इसे रासुका के मामले के रूप में आगे बढ़ा रहे हैं। और इसे एक फास्ट ट्रैक कोर्ट में लाने की कोशिश करेंगे। पोस्टमोर्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म या एसिड हमले का जिक्र नहीं है। इस मामले में पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।