सुप्रीम कोर्ट के एक पैनल ने आज दिल्ली-एनसीआर में पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा की और 5 नवंबर तक निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही पटाखा फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता बीती रात और खराब हो गई और अब गंभीर स्तर पर है। पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के चेयरपर्सन भूरे लाल ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के मुख्य सचिवों को खत भी लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा कि हमें इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के रूप में लेना होगा क्योंकि वायु प्रदूषण का सभी पर, विशेष रूप से हमारे बच्चों पर प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभाव पड़ेगा।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर 'ज्यादा गंभीर' श्रेणी में प्रवेश कर गया है। यही कारण है कि पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण ने सर्दियों के मौसम में पटाखे फोड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया। पंजाब और हरियाणा में प्रतिबंध के बावजूद लगातार पराली जलाए जाने के कारण दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की वायु गुणवत्ता बहुत ज्यादा बिगड़ गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) इंडिया के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 412 पर पहुंच गया है जो 'अति गंभीर' श्रेणी में आता है।