राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) के तहत गठित एक्सपर्ट पैनल ने कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी दी है। बताया जा रहा है कि तीसरी लहर अक्टूबर के आसपास पीक पर पहुंच सकती है। कमेटी ने इस दौरान बच्चों के लिए बेहतर मेडिकल तैयारी की जरूरत पर जोर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चे को भी बड़ों के समान ही खतरा है। प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपी गई इस रिपोर्ट में डॉक्टरों, कर्मचारियों और वेंटिलेटर और एम्बुलेंस जैसे उपकरणों के सहित बाल चिकित्सा सुविधाओं की गंभीर आवश्यकता के बारे में बात की है।
गृह मंत्रालय के निर्देश पर गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि "बच्चों के लिए मेडिकल सुविधाएं – डॉक्टर, कर्मचारी, वेंटिलेटर, एम्बुलेंस इत्यादि जैसे उपकरण कहीं भी नहीं हैं। बड़ी संख्या में बच्चों के संक्रमित होने की स्थिति में इनकी आवश्यकता हो सकती है। यह रिपोर्ट पीएमओ को सौंप दी गई है। रिपोर्ट में गंभीर रूप से बीमार और विकलांग बच्चों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई है। कई स्टडीज में तीसरी लहर की संभावना की बात कही है लेकिन ये अनुमान हैं।