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अमजद खान की 25 वीं पुण्यतिथि: क्या याद है रामगढ़ का ‘गब्बर’

<p style=”text-align:center”><span style=”color:#e74c3c”><em><strong>&#39;आज भी गांव में जब बच्चा रोता है तो मां कहती है कि सोजा बेटा नहीं तो गब्बर आ जाएगा&#39;</strong></em></span></p>

<p>जी हां &#39;शोले&#39; फिल्म के खूंखार गब्बर सिंह यानी अमजद खान की आज 25वीं पुण्यतिथि है। अमजद खान का जन्म 12 नवंबर 1940, को पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था और वह 27 जुलाई 1992 को बिमारी से झूझते हुए दुनिया से चल बसे थे।</p>

<p>उनके किरदार के चर्चे इतने हैं कि उन्हें अपने नाम से कम बल्कि गब्बर के नाम से ज्यादा जाना जाता है। उनके दमदार डॉयलॉग डिलीवरी को आज भी दर्शक याद करते हैं जो उन्हें विरासत में मिला है। उनके पिता जयंत फिल्&zwj;म इंडस्&zwj;ट्री के खलनायक रह चुके थे। अमजद खान ने अपने बीस साल के करियर में लगभग 130 फिल्&zwj;मों में काम किया। फिल्&zwj;म &#39;शोले&#39; में गब्&zwj;बर के किरदार ने उन्&zwj;हें विशेष सफलता और लोकप्रियता दिलाई।</p>

<p>फिल्म नाज़नीन (1951) से अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत करने वाले अमजद खान वक़्त के साथ अभिनय की कला में पारंगत होते चले गए और किरदार की तह तक जाकर जान फूंकना और अपनी दमदार आवाज़ से किरदार को एक अलग रंग देना उनकी खूबी रही है।</p>

<p>इनकी इसी विशेषता के चलते 1975&nbsp; में सलीम खान ने उन्हें शोले के गब्बर का किरदार दिया जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। उन्&zwj;होंने &#39;मुकद्दर का सिकंदर&#39;, &#39;कालिया&#39;, &#39;लावारिस&#39;, &#39;बगावत&#39;, &#39;सत्&zwj;ते पे सत्&zwj;ता&#39;, &#39;सुहाग&#39;, &#39;मि. नटवरलाल&#39;, &#39;दौलत&#39; और &#39;नसीब&#39; जैसी फिल्&zwj;मों में काम किया और अपने हर किरदार में जान फूंक दी।</p>

<p>1978&nbsp; में एक सड़क हादसे में बुरी तरह घायल हुए अमजद खान कई दिन तक कोमा में भी रहे और चिकित्सा के दौरान प्रयोग हुई दवाइयों की भारी मात्रा ने उनको काफी मोटा कर दिया। वे कोमा से तो बाहर आ गये पर मोटापे की वजह से वे कई बिमारियों से घिर गए और 27 जुलाई वर्ष 1992 में दिल की बीमारी की वजह से 51 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया।</p>

<p>आज भी अमजद खान अपने चाहने वालो की यादो में मौजूद है। अमजद खान ने बॉलीवुड की अनगिनत सफलतम फिल्मों में अपनी दमदार और शानदार अभिनय की छाप को छोड़ी है।</p>

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