PM मोदी की अध्यक्षता में आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। कैबिनेट फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जवडेकर ने कहा कि कैबिनेट में नेशनल रिक्रूटमें एजेंसी के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि आज नौकरी के लिए युवाओं को बहुत परीक्षाएं देनी पड़ती है। देश में करीब 20 रिक्रूटमेंट एजेंसी हैं। ऐसे में हर एजेंसी के लिए परीक्षा देने के लिए युवाओं को कई जगह जाना पड़ता है। ये सब समाप्त करते हुए सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (राष्ट्रीय भर्ती संस्था) अब कॉमन एलिजबिलिटी टेस्ट (सीईटी) लेगी। इसका फायदा करोड़ों युवाओं को होगा, जो नौकरी के लिए आवेदन करते हैं।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि युवाओं की ये मांग वर्षों से थी। लेकिन अब तक इसपर फैसला नहीं लिया गया था। इस एक फैसले से युवाओं की तकलीफ भी दूर होगी और उनका पैसा भी बचेगा। युवाओं को अब एक ही परीक्षा से आगे जाने का मौका मिलेगा। कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट आयोजित करने के लिए राष्ट्रीय भर्ती संस्था पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) की मेरिट लिस्ट 3 साल तक मान्य रहेगी। इस दौरान उम्मीदवार अपनी योग्यता और पसंद के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियों के लिए आवेदन कर सकेगा।
मंत्री ने कहा कि कैबेनिट ने एक करोड़ गन्ना किसानों को लिए भी फैसला लिया है। सरकार ने लाभकारी मूल्य बढ़ा दिया है। अब 285 रुपये प्रति क्विंटल का दाम तय हुआ। ये 10 फीसदी रिकवरी के आधार पर है। अगर 11 फीसदी रिकवरी होती है तो 28 रुपये 50 पैसे प्रति क्विंटल ज्यादा मिलेंगे। वहीं, 9.5% या उससे कम भी रिकवरी रहने पर भी गन्ना किसानों को संरक्षण देते हुए 270.75 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कीमत मिलेगी। इससे एक करोड़ किसानों को फायदा होगा।
जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के जयपुर, गुवाहटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट्स को लीज पर देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ये मंजूरी सरकार ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत दी है। यानी ये तीनों एयरपोर्ट अब निजी कंपनियों के हाथों में चले जाएंगे। इस बात के कयास पहले से ही लगाए जा रहे थे कि मोदी सरकार कुछ एयरपोर्ट्स को निजी हाथों में दे सकती है। प्रकाश जावड़ेकर ने इस अहम फैसले के फायदे भी बताए।
उन्होंने कहा कि इससे जो 1070 करोड़ रुपये मिलेंगे, ये एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया दूसरे छोटे शहरों में एयरपोर्ट विकसित करने में इस्तेमाल करेगी। ये पैसा काफी काम आएगा। इसका दूसरा फायदा ये होगा कि यात्रियों को अच्छी सुविधा मिलेगी। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 50 साल के लिए निजी हाथों में दिया है, उसके बाद ये एयरपोर्ट वापस मिल जाएंगे।