कश्मीर घाटी से ताल्लुक रखने वाले राष्ट्रीय रायफल्स के शहीद जवान औरंगजेब को उनके शौर्य और बलिदान के लिए भारतीय सेना ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया है। औरंगजेब को इसी साल 15 जून को आतंकिवादियों ने अगवा कर हत्या कर दी थी। औरंजगजेब को तब अगवा किया गया था जब वह ईद मनाने अपने घर जा रहे थे। आतंकियों की गोलियों से छलनी औरंगजेब का शव पुलवामा ज़िले के गुस्सू इलाके से बरामद किया गया था।
औरंगजेब ने परिवार संग ईद मनाने की छुट्टी लेकर कैंप के बाहर दक्षिण कश्मीर के शोपियां जाने के लिए टैक्सी ली थी। लेकिन, रास्ते में कालंपोरा गांव के पास आतंकियों ने उन्हें अगवा कर लिया। टैक्सी ड्राइवर ने इस बात की सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस और सेना ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। औरंगजेब का शव कलंपोरा से 10 किलोमीटर दूर गुस्सू गांव में मिला। जम्मू-कश्मीर के पुंछ के रहने वाले औरंगजेब 4-जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फेंटरी के शादीमार्ग स्थित 44 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे।
औरंगजेब की शहादत के बाद देश भर में लोगों के भीतर गुस्सा फूट पड़ा था। उनके पिता ने सेना अध्यक्ष और रक्षा मंत्री से अपने गुस्से का इजहार किया था और कश्मीर से आतंकवाद समेत पाकिस्तान की कारस्तानी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की थी।
गौरतलब है कि औरंगजेब हिज्बुल आतंकी समीर को 30 अप्रेल 2018 को ढेर करने वाले मेजर रोहित शुक्ला की टीम में शामिल थे। उन्होंने कई बड़े ऑपरेशनों में हिस्सा लिया था और अपनी शौर्यता का लोहा मनवाया था। तभी से आतंकी उन्हें टारगेट किए हुए थे।