एशिया के दो दिग्गजों की पिछले चार महीने से भी कम समय में यह तीसरी मुलाकात है। दोनों नेताओं ने भारत और चीन के बीच दोस्ती बढ़ाने को लेकर बातचीत की। शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ट्वीट कर कहा, "भारत और चीन के बीच दोस्ती को बढ़ावा"। पीएम नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स समिट के इतर में बातचीत की।
वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, वुहान और किंगडाओ में हुई बैठक के बाद सहयोग की भावना को आगे ले जाते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच ब्रिक्स समिट के इतर जोहान्सबर्ग में मूलभूत बैठक हुई। दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग को बढ़ाने पर बातचीत हुई।
मुलाकात में निर्यात का मुद्दा भी उठा
पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात में भारत की ओर से निर्यात का मुद्दा भी उठाया गया। भारत चीन से काफी मात्रा में सामानों का आयात करता है लेकिन निर्यात की मात्रा कम है। मोदी सरकार इस अंतर को कम करना चाहती है। आने वाले 1-2 अगस्त को भारत का एक डेलिगेशन इस मसले पर बात करने चीन जाएगा। ये मुद्दा इसलिए भी अहम है क्योंकि संसदीय समिति ने हाल में अपनी रिपोर्ट में आगाह करते हुए कहा है कि चीनी सामानों के आयात से देश के उद्योग संकट में पड़ गए हैं।
ब्रिक्स देशों ने किया आतंकवाद से निपटने का आह्वान
वहीं, ब्रिक्स देशों ने आतंकवाद से निपटने के लिए एक समग्र रूख का आह्वान किया। जिसमें कट्टरपंथ से निपटना, आतंकवादियों के वित्त पोषण के माध्यमों को अवरूद्ध करना, आतंकी शिविरों को तबाह करना और आतंकी संगठनों द्वारा इंटरनेट के दुरूपयोग को रोकना शामिल हों।
पांच देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के समूह ने कहा कि आतंकी कृत्यों को अंजाम देने, उनके साजिशकर्ताओं या उनमें मदद देने वालों को निश्चित रूप से जवाबदेह ठहराया जाए। समूह ने अपने घोषणापत्र में कहा, हम सभी राष्ट्रों से आतंकवाद से लड़ने के लिए एक समग्र रूख अपनाने का आह्वान करते हैं जिसमें कट्टरपंथ, विदेशी आतंकी लड़ाकों की भर्ती, आतंकवादियों के वित्तपोषण के स्रोतों और माध्यमों को अवरूद्ध करना, आतंकी शिविरों को तबाह करना और उनके द्वारा इंटरनेट के दुरूपयोग से निपटना शामिल हो।