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यूपी चुनाव में मायावती की एंट्री, आगरा रैली में खेला दलित-ब्राह्मण कार्ड

डेस्क |

बसपा प्रमुख मायावती ने अपनी पहली रैली में ही धमाकेदार अंदाज में चुनावी मैदान में एंट्री की है। मायावती ने अपने मतदाताओं को पूरी तरह प्रतिबद्धता के साथ चुनावी मैदान में डटकर लड़ने की सलाह दी और कहा कि सपा-भाजपा सरकारों में पूरे प्रदेश में तनावपूर्ण माहौल रहा है और अलग-अलग जातियों-संप्रदाय के लोगों को परेशान होना पड़ा है, लेकिन बसपा सरकार आने पर समाज के सभी वर्गों को सुरक्षा के साथ सरकार में पर्याप्त भागीदारी दी जाएगी। बसपा नेताओं का दावा है कि मायावती का यह दावा उनके कार्यकर्ताओं, समर्थकों और मतदाताओं में जान फूंकने वाला साबित हुआ है।

अपनी पहली चुनावी रैली में मायावती ने उन्हीं मुद्दों को जनता के सामने उभारा है, जिसके लिए वे जानी जाती रही हैं। कठोर और भ्रष्टाचारमुक्त प्रशासन उनकी सरकार की एक बड़ी पहचान के रूप में देखा जाता रहा है। मायावती ने इसी मुद्दे के सहारे मतदाताओं को बांधने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि सपा-भाजपा सरकार में तमाम वर्गों को परेशान होना पड़ा। सपा के शासनकाल में लोगों को पलायन की मार झेलनी पड़ी, तो भाजपा के शासनकाल में सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया। लेकिन उनकी सरकार आने पर पूरे प्रदेश में शांतिपूर्ण माहौल रहेगा। मायावती के भाषण के दौरान जनता के बीच से आ रही प्रतिक्रिया पार्टी नेताओं का उत्साह बढ़ाने वाली थी।

यूपी विधानसभा चुनाव में तमाम चुनावी सर्वेक्षणों में बसपा को कमजोर करके आंका जा रहा था। भाजपा और समाजवादी पार्टी भी उसे चुनावी मैदान से बाहर बता रहे थे। लेकिन बसपा नेताओं का दावा है कि यह पूरी साजिश के तहत किया जा रहा था क्योंकि इससे मतदाताओं में एक भ्रम की स्थिति पैदा होती। इसका लाभ भाजपा या सपा को मिल सकता था। बसपा नेताओं का दावा है कि आने वाले दिनों में बसपा नेता लगातार रैलियां करेंगी और इससे पूरा यूपी विधानसभा चुनाव त्रिकोणीय हो जाएगा, जिसमें उनकी पार्टी को विजय मिल सकती है।

मायावती ने आगरा के मीना बाजार से अपने मतदाताओं को संबोधित करते हुए उन सभी मुद्दों को छुआ जो बहुजन समाज के दिल के बेहद करीब रहा है। उन्होंने दलित मतदाताओं को याद दिलाया कि उनके नेताओं के नाम पर बसपा सरकार में बनाए गए जिलों के नाम समाजवादी पार्टी सरकार में बदल दिए गए और सपा-भाजपा कार्यकाल में दलितों का जबरदस्त शोषण हुआ। उन्होंने वादा किया कि बसपा की सरकार आने पर सभी वर्गों को न्याय दिया जाएगा।

मायावती ने इशारों-इशारों में यह याद दिलाया कि भाजपा सरकार में कथित तौर पर ब्राह्मण समुदाय से भेदभाव हो रहा था, उनके सत्ता में आने के बाद इस वर्ग को भी न्याय दिया जाएगा। उन्होंने पार्टी द्वारा सात सितंबर और नौ अक्तूबर 2021 में किए गए प्रबुद्ध सम्मेलनों में किए गए वादों को पूरा करने की बात भी कही। मायावती के इन वादों से ब्राह्मण मतदाताओं के बीच बसपा की पैठ मजबूत कर सकती है।