बिहार में ‘चमकी बुखार’ का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है और मौत का आंकड़ा भी रुक नहीं रहा है। शुक्रवार सुबह तक पूरे राज्य में इस बीमारी की वजह से मरने वालों की संख्या 150 हो गई है। जबकि सिर्फ मुज्जफरपुर में मरने वालों का आंकड़ा 122 है। बीते कुछ दिनों से लगातार इस बीमारी का कहर बढ़ रहा है, जिसके कारण राज्य की नीतीश कुमार सरकार हर किसी के निशाने पर है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कुछ अस्पतालों का दौरा भी किया था, लेकिन वह उन मरीजों से मिले थे जो लू के कारण अस्पताल में भर्ती हैं। गौरतलब है कि चमकी बुखार के कारण बिहार में हाहाकार मचा है और अस्पतालों में बच्चों के भर्ती होने की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
सबसे ज्यादा हालात मुजफ्फरपुर के ही खराब हैं, यहां पर मरने वालों का आंकड़ा भी ज्यादा है। और अस्पतालों की हालत भी खस्ता है। हालांकि, सरकार का दावा है कि उनकी ओर से पूरी कोशिश की जा रही है। अस्पताल में बैड की संख्या बढ़ाई जा रही है, इसके अलावा कुछ अस्पतालों में एसी-कूलर-पंखों की व्यवस्था भी की गई है।
गौरतलब है कि एक तरफ जहां पर इस बुखार की वजह से हाहाकार मचा हुआ है तो वहीं इस पर राजनीति भी तेज हो गई है। राजद समेत पूरा विपक्ष इस मुद्दे पर नीतीश कुमार और भाजपा को कोस रहा है। तो वहीं सत्ता पक्ष की ओर से भी गैरजरूरी बयानबाजी हो रही है।
गुरुवार को ही JDU के सांसद दुलार चंद्र गोस्वामी ने नीतीश कुमार का बचाव किया। उन्होंने कहा कि हम मान रहे हैं स्थिति गंभीर है और सरकार इस पर तत्परता से काम कर रही है। नीतीश दिल्ली में है, तो क्या हुआ। वह (नीतीश) वहां गए थे।
क्या है चमकी बुखार, कैसे होते हैं लक्षण?
चमकी बुखार एक संक्रामक बीमारी है। इसके वायरस शरीर में पहुंचते ही खून में शामिल होकर अपना प्रजनन शुरू कर देते हैं। शरीर में इस वायरस की संख्या बढ़ने पर खून के साथ मिलकर व्यक्ति के मस्तिष्क तक पहुंच जाते हैं। मस्तिष्क में पहुंचने पर ये वायरस कोशिकाओं में सूजन पैदा करते हैं, जिसकी वजह से शरीर का 'सेंट्रल नर्वस सिस्टम' खराब हो जाता है।
इस बुखार में बच्चे को लगातार तेज़ बुखार रहता है। बदन में ऐंठन के साथ बच्चा अपने दांत पर दांत चढ़ाए रहता है। शरीर में कमजोरी की वजह से बच्चा बार-बार बेहोश होता रहता है। शरीर में कंपन के साथ बार-बार झटके लगते रहते हैं।