कांग्रेस हाईकमान ने तमाम सूत्रों की जानकारियों को ध्वस्त करते हुए नए चेहरे का ऐलान कर दिया है. हाईकमान ने चौंकाते हुए चरणजीत सिंह चन्नी के नाम को बतौर सीएम प्रमोट कर दिया है. इससे पहले सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम फाइनल कर दिया गया है और उन्होंने राज्यपाल से वक्त भी मांगा था. लेकिन, आखिरी पल में चन्नी का नाम फाइनल किया गया. आपको बता दें कि चरणजीत सिंह चन्नी दलित समुदाय से आते हैं. ऐसे में यह पहली बार होगा जब कोई दलित पंजाब का मुख्यमंत्री बनेगा.
जिस तरह की हलचल पंजाब में चल रही है, उसमें एक तरह चरणजीत सिंह चन्नी की लॉटरी लग गई है. पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने चन्नी के विधायक दल का नेता चुने जाने का ऐलान किया. हालांकि, सत्ता की इस जंग में कांग्रेस के भीतर अभी कई ऐसे चेहरे हैं जो चन्नी के सीएम बनाए जाने से अंसुष्ट महसूस कर रहे हैं. वहीं, इस बीच सुखजिंदर सिंह रंधावा ने चन्नी के सीएम बनाए जाने पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने, अपना नाम सीएम की रेस से बाहर होने पर कहा कि उन्हें इसका कतई मलाल नहीं है. मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए रंधावा ने कहा कि वे शुरू से एक पावरफुल राजनेता रहे हैं. उनके पिता के वक्त से उन्होंने सत्ता का असर देखा है. लिहाजा, उन्हें कोई मलाल नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि चरणजीत सिंह चन्नी उनके भाई हैं.
गौरतलब है कि सुखजिंदर सिंह रंधावा एक जट सिख समुदाय से आते हैं. जैसे ही उनके नाम का ऐलान हुआ… तमाम विधायक उनके घर पर पहुंचने लगे थे. बाताया जा रहा है कि कैप्टन , सिद्धू और रंधावा के जट सिख समुदाय से होने के चलते कांग्रेस हाईकमान ने नया रास्ता चुना और दलित नेता को सीएम बनाने का फैसला किया. हालांकि, बतौर मुख्यमंत्री चन्नी के सामने अभी और चुनौतियां सुरसा की तरह मुंह फैलाए इंतजार कर रही हैं.