चीन और पाकिस्तान सीमा के सुरक्षा हालात को लेकर इसी हफ्ते दिल्ली में सेना के 7 कमांडरों की दो दिवसीय अहम बैठक होने जा रही है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में बॉर्डर पर चीन की बढ़ती गतिविधियों और पाकिस्तान की ओर से जारी आतंकी हमलों को लेकर चर्चा की जाएगी. पिछले दिनों एक चॉपर क्रैश में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के शहीद होने के बाद सेना की यह पहली अहम बैठक होने जा रही है.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद पहली बार, 13 लाख मजबूत बलों के सभी सेना कमांडर वर्तमान परिस्थितियों में चीन और पाकिस्तान सीमा पर सुरक्षा हालात को लेकर चर्चा करने के लिए 23 से 24 दिसंबर तक राष्ट्रीय राजधानी में होंगे. यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब देश के सबसे वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के साथ 12 अन्य कर्मी हेलिकॉप्टर दुर्घटना में शहीद हो गए.
अरुणाचल प्रदेश से लद्दाख तक चीन के साथ लगी सीमा की रक्षा की जिम्मेदारी सेना की पूर्वी, मध्य और उत्तरी कमानों की है. चीन सीमा के सबसे बड़े क्षेत्र को पूर्वी सेना कमान द्वारा कवर किया गया है. सीडीएस के शहीद होने के बाद सरकार उनके उत्तराधिकारी की नियुक्ति पर काम कर रही है और रक्षा मंत्रालय ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है. सेना में चल रहे सुधारों और अन्य दो सेवाओं के साथ संयुक्तता बढ़ाने पर भी सेना कमांडरों के बीच चर्चा की उम्मीद है.