पूरी दुनिया की नजर इस समय रूस और यूक्रेन के बीच जारी संकट पर है। युद्ध के आगाज के साथ ही ब्रेंट क्रूड के दाम 100 डॉलर को पार करते हुए 104 डॉलर प्रति बैरल के पार चले गए हैं। लेकिन भारत ने इस मौके का फायदा उठाते हुए सस्ता क्रूड खरीदा है।
समाचार एजेंसी रॉयटर ने कारोबारी सूत्रों और रिफाइनिटिव डेटा के आधार पर खबर दी है कि देश की सबसे बड़ी रिफाइनरी कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्प ने डिस्काउंट के साथ रूसी यूराल क्रूड खरीदा है। दरअसल रूसी तेल पर यूरोप ने रोक लगा दी है। जिससे यूराल क्रूड की कीमतों में गिरावट आई है।
यह बीते दो साल में पहली बार रूसी यूराल क्रूड की खरीद है। यूराल क्रूड को आखिरी बार आईओसी द्वारा अप्रैल 2020 में पारादीप बंदरगाह पर आयात किया गया था।
रूस और पश्चिम के बीच यूक्रेन को लेकर बढ़ते तनाव के कारण 2005 के बाद वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट पर सबसे ज्यादा छूट मिल रही है। ऐसे में भारत के लिए रूसी फ्लैगशिप ग्रेड को ज्यादा खरीदने का अवसर पैदा हुआ। हालांकि डील कितनी कीमत पर हुई, इसका खुलासा नहीं हुआ है।
सूत्रों ने कहा कि उच्च सल्फर तेल की मांग के लिए एक निविदा में, आईओसी ने यूरोपीय व्यापारियों विटोल और ट्रैफिगुरा से 2 मिलियन बैरल यूराल क्रूड खरीदा है। यह तेल अप्रैल में सप्लाई किया जाएगा।
इससे पहले रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद, तेल आपूर्ति बाधित होने की चिंताओं के बीच वैश्विक तेल बाजार में कच्चे तेल की कीमत गुरुवार को 100 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गई। बाद में गिरावट बढ़कर 104 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गईं।
इसके अलावा भारतीय रिफाइनर नायरा एनर्जी ने भी अप्रैल डिलीवरी के लिए 2 मिलियन बैरल यूराल क्रूड खरीदा है। यूराल के अलावा, आईओसी ने एक्सॉनमोबिल से अबू धाबी अपर जकुम क्रूड से 2 मिलियन बैरल और ट्रैफिगुरा से 1 मिलियन बैरल इराकी बसरा हेवी क्रूड खरीदा है।
साल 2021 में भारत का रूल को जाने वाला थर्मल कोल इंपोर्ट 1.6 फीसदी से घटकर 1.3 फीसदी पर आ गया था। अब इसमें और कमी आने की संभावना लग रही है। इसके अलावा भारत रूस से क्रूड ऑयल भी इंपोर्ट करता है, 2021 में भारत ने रूस से 43,000 BPD क्रूड इंपोर्ट किया है। भारत का रूस से होने वाला क्रूड इंपोर्ट कुल इंपोर्ट का केवल 1 फीसदी है।