अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफान वायु गुजरात के पश्चिमी तट की ओर तेजी से बढ़ रहा है। यह महाराष्ट्र से उत्तर में गुजरात की ओर बढ़ रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक वायु के 13 जून को गुजरात के तटीय इलाकों पोरबंदर और कच्छ क्षेत्र में पहुंचने की संभावना है। इस बीच हालात से निपटने और तकरीबन 3 लाख लोगों का रेस्क्यू कराने के लिए सेना और एनडीआरएफ ने कमर कस ली है। इससे पहले पिछले महीने आए फोनी तूफान से ओडिशा में काफी तबाही हुई थी। इस बीच चक्रवात का असर महाराष्ट्र में दिखने लगा है। मुंबई में तेज हवाओं की वजह से कई पेड़ गिर गए।
महाराष्ट्र के उत्तरी तट पर तेज हवाएं
मुंबई में मौसम विभाग के उप महानिदेशक (डीडीजी) केएस होसलिकर का कहना है, 'काफी तेज चक्रवाती तूफान अभी मुंबई से 280 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम क्षेत्र तक पहुंच चुका है। महाराष्ट्र के उत्तरी तट पर इसकी वजह से 50-60 से लेकर 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दिनभर हवाएं चलेंगी। 12 और 13 जून को महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में समुद्र के किनारे हालात खराब हो सकते हैं। समुद्र के बीच पर खास ध्यान देने की जरूरत है। मछुआरों को चेतावनी जारी की जा चुकी है। तेज हवाओं की वजह से पेड़ गिरने की घटनाएं भी बढ़ सकती हैं।'
110-135 किमी की रफ्तार से चलेंगी हवाएं
गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ इलाके में मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। यहां वायु चक्रवात की रफ्तार 110 से 135 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है। इसका लैंडफॉल (समुद्र तट से टकराने का स्थान) सौराष्ट्र तट के करीब होने का अनुमान है। अभी चक्रवात अपनी वर्तमान स्थिति से उत्तर की ओर (कोंकण तट से) सौराष्ट्र के पोरबंदर और महुवा के बीच बढ़ रहा है। चक्रवाती तूफान की वजह से कच्चे मकानों और कमजोर इमारतों को नुकसान, बिजली सप्लाइ प्रभावित होने के साथ ही निचले इलाकों में पानी भरने की आशंका जताई जा रही है। गुजरात में वायु चक्रवात की रफ्तार 110 से 135 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है।
'सौराष्ट्र में 60 लाख आबादी प्रभावित'
तूफान से सबसे ज्यादा कच्छ, देवभूमि, द्वारका, पोरबंदर, राजकोट, जूनागढ़, दीव, गिर, सोमनाथ, अमरेली और भावनगर जिलों में नुकसान का अनुमान है। गुजरात के डेप्युटी सीएम नितिन पटेल ने मीडिया को बताया कि सौराष्ट्र इलाके के 10 जिलों के 408 गांवों में रहने वाली तकरीबन 60 लाख की आबादी के चक्रवात से प्रभावित होने की संभावना है।
गुजरात में पर्यटकों के लिए भी प्रशासन की ओर से चेतावनी जारी की गई है। द्वारका, सोमनाथ और कच्छ में पर्यटकों को तटीय इलाकों को छोड़कर 12 जून की दोपहर तक सुरक्षित इलाकों में जाने की सलाह दी गई है। गुजरात में पर्यटकों को भी तटीय इलाके छोड़ने की चेतावनी दी गई है।