रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बीआरओ द्वारा बनाए गए 44 पुलों का उद्घाटन किया। उन्होंने ये सभी उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किए हैं। देश की सीमाओं को सुरक्षित करने की दिशा में यह एक काफी अहम है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, बीआरओ द्वारा निर्मित इन 44 पुलों में से 10 जम्मू-कश्मीर, 7 लद्दाख, 2 हिमाचल प्रदेश, 4 पंजाब, 8 उत्तराखंड, 8 अरुणाचल प्रदेश और 4 सिक्किम में है। इसके अलावा उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के तवांग के लिए नेचिपु सुरंग की भी आधारशिला रखी।
रणनीतिक महत्व से बने इन पुलों के निर्माण से सुरक्षा बलों को हथियारों और उनके आवागमन में खूब मदद मिलेगी। मनाली लेह मार्ग सबसे लंबा दारचा में भागा नदी पर बनाया गया है। इसकी लंबाई 360 मीटर है। हजार फीट की ऊंचाई पर इस पुल का निर्माण किया गया है। वहीं, लाहुल को कुल्लू घाटी से जोड़ने वाला चेंद्रा नदी पर 100 मीटर लंबा पुल का निर्माण एक साल में हुआ। इसके अलावा मनाली के पलचान में 110 मीटर लंबा दो पुल का निर्माण दो साल में अंदर हुआ।
इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आप हमारे उत्तरी और पूर्वी सीमाओं पर बनाई गई स्थिति के बारे में सभी जानते हैं। पहले पाकिस्तान और अब चीन। ऐसा लगता है कि एक मिशन के तहत सीमा विवाद बनाए गए हैं। इन देशों के साथ हमारी करीब 7000 किलोमीटर लंबी सीमा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरंदेश नेतृत्व के अंतर्गत, भारत इन संकटों का न केवल मजबूती से सामना कर रहा है, बल्कि इन सभी क्षेत्रों में बड़े और ऐतिहासिक बदलाव भी ला रहा है। इन पुलों के निर्माण से हमारे पश्चिमी, उत्तरी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में सैन्य और नागरिक परिवहन की सुविधा बढ़ेगी। हमारे सशस्त्र बल के कर्मी उन इलाकों में बड़ी संख्या में तैनात हैं जहां साल भर परिवहन उपलब्ध नहीं रहता है। इन पुलों का निर्माण क्षेत्र में आम लोगों के साथ-साथ सेना के लिए भी फायेदमंद होगा। लॉकडाउन अवधि के दौरान भी बीआरओ ने पूर्वोत्तर राज्यों, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में अभियानों को जारी रखा।