अगर आपने सिम खरीदते समय टेलीकॉम कंपनियों को आधार कार्ड के साथ अगर कोई और डॉक्यूमेंट नहीं दिया है तो आपका नंबर बंद हो सकता है। देश के लगभग 50 करोड़ मोबाइल यूजर्स के सामने नंबर बंद होने का खतरा पैदा हो गया है। बता दें कि कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने आधार मामले में सुदवाई करते हुए आदेश दिया था कि टेलीकॉम कंपनियां यूजर्स की पहचान के लिए आधार नंबर का इस्तेमाल नहीं कर सकती। लेकिन देश के लगभग 50 करोड़ यूजर्स के नंबर आधार कार्ड पर ही चल रहे हैं।
अगर आधार कार्ड वेरिफिकेशन के आधार पर जारी किए गए सिम कार्ड नई वेरिफिकेशन में फेल हो जाते हैं, तो इन सिम कार्ड को डिसकनेक्ट किया जा सकता है। इस मुद्दे पर सरकार में उच्च स्तर पर विचार-विमर्श चल रहा है, क्योंकि अगर बड़ी संख्या में मोबाइल नंबर्स को डिसकनेक्ट किया जाता है तो नागरिकों के ऊपर इसका बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।
अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि सरकार नई केवाईसी कराने के लिए यूजर्स को पर्याप्त समय देगी। सरकार का इस मुद्दे पर गंभीर विचार चल रहा है। मसले का समाधान कैसे निकले, इसके लिए टेलीकॉम विभाग आधार प्राधिकरण के साथ बातचीत कर रहा है। मोबाइल कंपनियों की जहां तक बात है तो रिलायंस जियो ने आधार कार्ड के तहत सबसे ज्यादा नंबर बांटे हैं क्योंकि इसका पूरा डेटाबेस और नेटवर्क ऑपरेशन बायोमिट्रिक पहचान पर आधारित है।
जियो के लगभग 25 करोड़ यूजर्स बन चुके हैं, जैसा कि कंपनी ने बुधवार को ऐलान किया। इसे देखते हुए आधार की सबसे बड़ी चुनौती जियो के समक्ष है। जियो के अलावा, दूसरी कंपनियों भारती एयरटेल, वोडाफोन-इंडिया और बीएसएनएल और एमटीएनएल ने भी कुछ सिम कार्ड्स को सिर्फ आधार ऑथेंटिकेशन के जरिये सिम कार्ड्स जारी किए हैं।