एक तो देश में इस वक्त आसमान आग उगल रहा है तो दूसरी ओर बिजली की किल्लत से पंखा भी बार बार बंद हो जा रहा है यानी जब गर्मी फुल है तो बिजली भी गुल है. देश में इस वक्त आम लोगों पर दोहरी मुसीबत है. ज्यादातर राज्यों में जहां गर्मी प्रचंड पड़ रही है. वहीं बिजली की कमी की भी समस्या सामने आ पड़ी है.
कई राज्यों में लोड शेडिंग के चलते घंटों बिजली गुल होने की शिकायतें आ रही हैं. इस हालात के दोनों कारण है. एक तो बिजली घरों में कोयले के स्टॉक का कम होना और दूसरा बढ़ती गर्मी के चलते बिजली की डिमांड का रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाना.
देश में बिजली की स्थिति पर नजर रखने वाली सरकार संस्था पॉवर सिस्टम ऑपरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड यानी POSOCO की वेबसाइट को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बिजली की मांग किस रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है. 28 अप्रैल को प्रचंड गर्मी के बीच जब बिजली की सबसे ज्यादा डिमांड थी और इस दिन सबसे ज्यादा बिहार को बिजली की कमी झेलनी पड़ी.
अब बिजली मंत्रालय राज्यों को कह रहा है कि बिजली एक्सचेंजों में बिजली उपलब्ध है और राज्य चाहें तो वहां से बिजली खरीद सकते हैं. बिजली मंत्रालय ने सभी बिजली एक्सचेंजों में बिजली की अधिकतम रेट घटाकर 12 रुपये प्रति यूनिट कर दी है.
कोयले के स्टॉक में हुई कमी की एक बड़ी वजह बिजली की मांग में अचानक आई तेजी भी है. केंद्र सरकार थर्मल प्लांटों को कोयले की सप्लाई पूरी करने के लिए कोशिश कर रही है. कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने रांची में कोल इंडिया लिमिटेड और सीनियर अधिकारियों के साथ बैठक कर कोयला आपूर्ति तेज करने पर चर्चा की. ये भरोसा दिया कि कोयले की कोई कमी नहीं है, सप्लाई चेन को मजबूत करने के लिए रेलवे ने 30 से ज्यादा ट्रेनें रद्द कर दी हैं.