केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज ‘आत्मनिर्भर भारत का बजट 2022-23’ पेश कर दिया है. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि किसानों के खाते में MSP के जरिए 2.37 करोड़ रुपये सरकार ने भेजे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से रसायन और कीटनाशक मुक्त खेती का प्रसार बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. आर्गेनिक खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन दिया जाएगा.
- साल 2023 को मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया
- रबी 2021-22 में 163 लाख किसानों से 1208 मीट्रिक टन गेहूं और धान खरीदा जाएगा
- किसानों को डिजिटल सेवाएं दी जाएंगी और भारत में गरीबी मिटाने के लक्ष्य पर पुरजोर रूप से कार्य किया जाएगा
- ड्रोन के जरिए कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देंगे. 100 गति शक्ति कार्गो टर्मिनट बनाए जाएंगे.
- किसानों को डिजिटल और हाईटेक सेवाएं प्रदान करने के लिए पीपीपी मॉडल में योजना की शुरुआत होगी.
- जीरो बजट खेती और प्राकृतिक खेती, आधुनिक कृषि, मूल्य संवर्धन और प्रबंधन पर जोर दिया जाएगा.
- किसानों के लिए प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए, राज्य सरकारों और एमएसएमई की भागीदारी के लिए व्यापक पैकेज पेश किया जाएगा.
- गंगा के किनारे 5 किमी चौड़े गलियारों में किसानों की जमीन पर फोकस के साथ पूरे देश में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा
- सिंचाई-पेयजल को बढ़ाने पर जोर
25 हजार किलोमीटर के नेशनल हाईवे के विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपये का खर्च किया जाएगा. देश में 5 बड़ी नदियों को जोड़ने के लिए जल संसाधन विकास मंत्रालय की भी मदद से कार्य किया जाएगा. देश में सिंचाई और पेयजल के लिए योजनाओं पर काम किया जा रहा है और गंगा किनारे बसे किसानों को मदद दी जाएगी. 44,605 करोड़ रुपये के केन-बेतवा लिंक का कार्यान्वयन किसानों और स्थानीय आबादी को सिंचाई, खेती और आजीविका की सुविधा प्रदान करने वाली 9 लाख हेक्टेयर से अधिक किसानों की भूमि की सिंचाई के लिए किया जाएगा.