Follow Us:

मोदी सरकार के खिलाफ सड़कों पर किसान, कई जगहों पर लगाया जाम

|

दिल्ली में आज यानिकि बुधवार को 10 हजार के करीव किसान, मजदूर, सर्विस सेक्टर के कर्मचारी और भूमिहीन कृषि मजदूर रैली कर रहे हैं। ये पहली बार ऐसा हो रहा है कि किसान और मजदूर किसी एक रैली में एकजुट होकर हिस्सा ले रहे हैं। हजारों किसान अपनी मांगों को लेकर रामलीला मैदान से संसद मार्ग तक के लिए मार्च कर रहे हैं। वहीं मार्च में मौजूद किसानों ने कहा है कि चुनाव तो आते-जाते हैं, लेकिन सरकार की नीतियां गलत हैं। मोदी सरकार को किसानों, मजदूरों और गरीबों को लेकर अपनी नीतियों को बदलना चाहिए। किसानों के मार्च के कारण दिल्ली की कई सड़कों पर जाम भी लगना शुरु हो गया है, इसके अलावा कुछ रास्तों पर ना जाने की सलाह दी जा रही है।

किसान और मजदूरों की प्रमुख मांग क्या है?

दिल्ली की सड़कों पर उतरे किसान और मजदूरों की मांग है कि रोज बढ़ रही कीमतों पर लगाम लगाई जाए और खाद्य वितरण प्रणाली की व्यवस्था को ठीक किया जाए। मौजूदा पीढ़ी को उचित रोजगार मिले और सभी मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी भत्ता 18000 रुपया प्रतिमाह तय किया जाए।

इसके अलावा कहा गया है कि मजदूरों के लिए बने कानून में मजदूर विरोधी बदलाव ना किए जाएं। किसानों के लिए स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें लागू हों, गरीब खेती मजदूर और किसानों का पूरा कर्ज माफ किया जाए।

सरकार से किसानों की मांग है कि खेती में लगे मजदूरों के लिए एक बेहतर कानून बने। हर ग्रामीण इलाके में मनरेगा ठीक तरीके से लागू हो, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और घर की सुविधा मिले। मजदूरों को ठेकेदारी प्रथा से छुटकारा मिलना चाहिए।  भूमि अधिग्रहण के नाम पर किसानों से जबरन उनकी जमीन न छीनी जाए और प्राकृतिक आपदा से पीड़ित गरीबों को उचित राहत मिले।

इन सभी मांगो को लेकर किसान और मजदूर संसद की ओर मार्च कर रहे हैं। वहीं इस रैली में कई विपक्षी दलों के कई नेताओं के शामिल होने की भी संभावना भी है। वामपंथी दल सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी भी इस मार्च में हिस्सा ले सकते हैं।