उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे के रास्ते हर साल होने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा बुधवार (12 जून) से शुरू हो गई है। कैलाश मानसरोवर यात्रियों का पहला दल 13 जून को धारचूला पहुंचेगा। कैलाश मानसरोवर यात्रा तीन महीने यानी 8 सितंबर 2019 तक चलेगी। कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए 9 अप्रैल से 9 मई तक रजिस्ट्रेशन किए गए थे।
अधिकारियों ने बताया कि यात्रा से जुड़ी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और यात्रा की नोडल एजेंसी कुमांऊ मंडल विकास निगम (केएमवीएन) का कैटरिंग स्टॉफ बूंदी से लेकर नाभीडांग तक के रास्ते में पड़ने वाले सभी शिविरों में तैनात कर दिया गया है।
लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड) के रास्ते प्रति व्यक्ति लगभग 1।8 लाख रुपये खर्च होगा, जिसमें कुछ दुर्गम पद यात्रा शामिल है। यह तीर्थयात्रा 18 दलों में आयोजित होगी, जिसमें 60-60 तीर्थयात्री होंगे। कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान तीर्थयात्री चियालेख घाटी की प्राकृतिक सुंदरता को देख सकते हैं। जबकि दूसरा रास्ता नाथू ला दर्रे (सिक्किम) से होकर जाने वाला रास्ता उन लोगों और बुजुर्गो के लिए ठीक है जो कठिन ट्रैकिंग नहीं कर सकते। इस रास्ते के जरिए प्रति व्यक्ति लगभग ढाई लाख रुपये खर्च होंगे।
आपको बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार (11 मई) को कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को झंडी दिखाकर रवाना किया था। एस जयशंकर ने कहा कि यात्रा के आयोजन में चीन सरकार द्वारा किया गया सहयोग लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।