ओडिशा की एक सरकारी खदान में भूस्खलन का मामला सामने आया है। इस हादसे में चार मजदूरों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है और 9 मजदूर घायल हुए हैं। हादसा कोल इंडिया लिमिटेड की खदान में हुआ।
कोल इंडिया की सहयोगी कंपनी कोलफाइल्ड्स लिमिटेड के अधिकारियों के अनुसार 20 हजार टन रोजाना की क्षमता वाली इस ओपन कास्ट खदान को इस घटना के बाद फिलहाल बंद कर दिया गया है। बता दें कि ये कोई पहली बार नहीं है जब खदानों में कोई हादसा हुआ है। सुरक्षा के मापदंड पूरी तरह से इस्तेमाल ना किए जाने की वजह से खदानों में हादसे होना आम बात है। इतना ही नहीं देश में बड़ी संख्या में अवैध खदानें भी संचालित हो रही हैं, जो दूर-दराज़ के पहाड़ी इलाकों में चल रही है।
भारत की कई अवैध खदानें हैं, जो सुदूर पहाड़ी इलाकों में भी हैं। यहां सुरक्षा आदि को लेकर आंकड़ों की भी कमी है, क्योंकि अधिकतर मामले रिपोर्ट ही नहीं हो पाते हैं। बीते साल दिसंबर माह में मेघायल के 15 खनिक अवैध कोयला खदान में फंस गए थे। मेघायल में हजारों कर्मियों जिनमें बच्चे भी शामिल हैं उनकी मौत रैट होल खदानों के कारण हुई है।