देश में भीड़-तंत्र की हिंसा के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला झारखंड के गुमला इलाके का है जहां डायन बताकर महिला समेत 4 लोगों की लाठी-डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। हालांकि, हत्या के कारणों की पुष्टि नहीं हो पाई है। जानकारी के मुताबिक रविवार की सुबह लोगों की आंखें भी नहीं खुली थीं कि गुमला के शिकारी गांव में चार लोगों को लाठी-डंडे से पीट-पीटकर मार डाला गया। इस मामले में करीब 12 लोगों पर हत्या का आरोप है। हत्या की इस घटना को रविवार की सुबह 3 बजे अंजाम दिया गया।
मामले में मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। गुमला के एसपी अंजनी कुमार ने कहा, 'प्रथम दृष्टया, ऐसा प्रतीत होता है कि पीड़ित जादू टोना में शामिल थे। अंधविश्वासों के कारण उनकी हत्या हुई है। जांच चल रही है।
बताया जा रहा है कि करीब 12 नकाबपोश लोगों ने गांव में तीन घरों को घेरकर हमला किया। सभी को घर से उठाकर गांव से बाहर ले गए। इसके बाद हमलावरों ने लाठी और डंडों से उनकी पिटाई की। इस पिटाई नें चार लोगों की मौत हो गई।
मृतकों की पहचान फगनी देवी (65 वर्ष), चंपा भगत (65 वर्ष), सुना भगत (65 वर्ष) और पेटी भगत के रूप में हुई है। हत्या के बाद से गांव में दहशत का माहौल है।
2019 में झारखंड में लिंचिंग के मामले
मई 2019 में गुमला जिले में ही भीड़ ने चार लोगों की जमकर पिटाई की थी। चारों मरे बैल का मांस काट रहे थे। उन्मादी भीड़ ने इतना पीटा कि इनमें से एक प्रकाश नाम के व्यक्ति की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई।
जून 2019 में 24 साल के तबरेज अंसारी को चोरी के आरोप में पीटकर मार डाला था। उनकी हत्या सरायकेला खरसांवा जिले के घातकीडीह गांव में हुई थी। पहले उन्हें बिजली के पोल से बांधकर पीटा। फिर उनसे जय श्री राम और जय हनुमान के नारे लगवाए थे। हालांकि, अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी।
मार्च 2019 में झारखंड के पलामू में भीड़ ने वकील खान और दानिश खान नाम के दो लोगों की पीटकर हत्या कर दी। इन दोनों ने अपनी बहन के साथ हुई छेड़खानी का विरोध किया था। इसके बाद उनकी हत्या हो गई। इस मामले की जांच जारी है।