मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी करने की घोषणा जल्द कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो यह कन्फर्म हो गया है कि सरकार फिटमेंट फैक्टर को मंजूरी देगी और सरकार का ध्यान फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर न्यूनतम बेसिक सैलरी को 18,000 रुपये से बढ़ाकर 26,000 रुपये करने की है। केंद्र सरकार के कर्मचारी संघ लंबे समय से फिटमेंट फैक्टर को 2.57 गुना से बढ़ाकर 3.68 गुना करने की मांग कर रहे हैं। ताकि, न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़ाकर 26,000 रुपये हो जाए।
अगर मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कर्मचारी यूनियन का कहना है कि सरकार कर्मचारियों की मांग को नजरअंदाज नहीं कर रही है।कैबिनेट सचिव और कर्मचारियों यूनियन की मुलाकात पहले ही हो चुकी है। इस मुलाकात में एसोसिएशन को आश्वासन दिया गया कि फिटमेंट फैक्टर की तरफ सरकार ध्यान दे रही है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों की इस डिमांड पर सरकार काफी समय से विचार कर रही है। हालांकि, चुनावों के कारण आचार संहिता लागू है जिसके कारण देरी हो रह है। ऐसी उम्मीद है कि होली के तोहफे के तौर पर कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर बढ़ाया जा सकता है।
केंद्र सरकार फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाती है तो केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन अपने आप बढ़ जाएगा। फिटमेंट फैक्टर केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों के लिए बेसिक वेतन तय करता है। फिटमेंट फैक्टर को आखिरी बार 2016 में बढ़ाया गया था, जिसमें कर्मचारियों का न्यूनतम बेसिक वेतन 6,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये किया गया था। फिटमेंट फैक्टर में संभावित बढ़ोतरी से न्यूनतम बेसिक वेतन 26,000 रुपये हो सकता है। अभी न्यूनतम बेसिक पे 18,000 रुपये है, जो बढ़कर 26,000 रुपये हो जाएगा। यानी सरकारी कर्मचारियों को बेसिक वेतन यानी में सीधे 8000 रुपये की बढ़ोतरी हो जाएगी।
अगर बेसिक पे 18,000 रुपये से बढ़कर 26,000 रुपये हो जाता है तो मंहगाई भत्ता भी बढ़ जाएगा। महंगाई भत्ता बेसिक वेतन के 31 फीसदी के बराबर है। DA का कैलकुलेशन डीए की दर को बेसिक पे से गुणा करके निकाला जाता है। यानी बेसिक वेतन बढ़ने से अपने आप महंगाई भत्ता भी बढ़ जाएगा। बेसिक वेतन में सीधे 8000 रुपये महीना और 96000 रुपये सालाना का इजाफा होगा।