अब से आपके कंप्यूटर पर सरकार की नजर रहेगी। केंद्र सरकार ने प्रमुख 10 सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को किसी भी व्यक्ति या संस्थान के कंप्यूटर के डेटा को जांचने का अधिकार दिया है। ऐसा करने के पीछे की वजह देश की सुरक्षा बताई जा रही है। गृह मंत्रालय की ओर जारी आदेश के मुताबिक, देश की ये प्रमुख सुरक्षा एजेंसियां किसी भी व्यक्ति के कंप्यूटर में जेनरेट, ट्रांसमिट, रिसीव और स्टोर किए गए किसी दस्तावेज भी को देख सकती हैं। खुफिया एजेंसियों को यह अधिकार सूचना और प्रौद्योगिकी (आइटी) एक्ट की धारा-69 के तहत दिया गया है।
आइटी की धारा-69 में कहा गया है कि यदि एजेंसियों को किसी संस्थान या व्यक्ति पर देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होने का शक होता है तो वे उनके कंप्यूटर की जांच कर सकती हैं। इस बारे में गृह मंत्रालय द्वारा सभी एजेंसियों को आदेश जारी किया जा चुका है।
यह पूरा मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा है। ऐसे में यदि आपके कंप्यूटर या लैपटॉप में कोई ऐसी सामग्री पाई जाती है जो कि देश विरोधी है या किसी भी प्रकार से कानून का उल्लंघन करती हैं तो आपकी जांच हो सकती है और आपको गिरफ्तार किया जा सकता है। कंप्यूटर में सेव डाटा के अलावा आप अपने कंप्यूटर पर क्या सर्च करते हैं, इस पर भी एजेंसियां नजर रखेंगी। इसके लिए जांच एजेंसियां आपके कंप्यूटर के ब्राउजर पर नजर रखेंगी। बता दें कि ये सभी एजेंसियां ड्रग्स और स्मगलिंग पर भी नजर रखती हैं।
इन 10 सुरक्षा एजेंसियों को मिला जांच का अधिकार
जिन दस केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को यह अधिकार दिया है, उनके नाम हैं – खुफिया विभाग, नार्कोटिक्स, सीबीआई, रॉ, ईडी, डायरेक्टर ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस, एनआईए, डायरेक्टर ऑफ सिग्नल इंटेलिजेंस, कमिश्नर ऑफ दिल्ली पुलिस और सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर टैक्सेस।