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सलाखों के पीछे ही रहेगा गुरमीत राम रहीम, पैरोल की अर्जी हो सकती है खारिज

समाचार फर्स्ट डेस्क |

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बड़ा झटका लग सकता है। पत्रकार हत्या और साध्वियों के साथ रेप के दोषी राम रहीम की पैरोल की अर्जी खारिज हो सकती है। दरअसल, राम रहीम ने खेतीबाड़ी के लिए 42 दिनों की पैरोल की अर्जी दी है। लेकिन उसके पास कोई कृषि भूमि ही नहीं है। सारी भूमि डेरा सच्चा सौदा ट्रस्ट के नाम है।

रोहतक की सुनारिया जेल में बंद गुरमीत राम रहीम ने खेती-बाड़ी को आधार बनाकर पैरोल मांगी है, लेकिन सिरसा जिला प्रशासन को जो रिपोर्ट हरियाणा सरकार के रेवेन्यू विभाग ने भेजी है, उसके मुताबिक राम रहीम के नाम पर सिरसा में कोई भी कृषि भूमि नहीं है। डेरे के पास कुल 250 एकड़ भूमि है, लेकिन इस जमीन के रिकॉर्ड पर कहीं भी राम रहीम मालिक या बतौर किसान रजिस्टर्ड नहीं है। ऐसा माना जा रहा है कि सिरसा के रेवेन्यू डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के आधार पर राम रहीम की पैरोल की याचिका खारिज की जा सकती है।

इसके अलावा हरियाणा पुलिस की खुफिया रिपोर्ट भी राम रहीम को पैरोल देने के हक में नहीं हैं। पुलिस का मानना है कि ऐसा करने पर सिरसा में कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है और पंचकूला जैसे हालात बन सकते हैं। दो-दो साध्वियों से रेप और पत्रकार की हत्या मामले में सजा काट रहा गुरमीत राम रहीम के जेल से बाहर आने पर सस्पेंस गहरा गया है। जेल प्रशासन ने अच्छे व्यवहार के सर्टिफिकेट के साथ हरी झंडी भी दे दी।

हरियाणा में चुनाव से पहले राम रहीम को लेकर सियासत गर्म हो गई है। राम रहीम की करतूत से हैरान-परेशान रही हरियाणा की खट्टर सरकार पैरोल को लेकर काफी उदार दिख रही है। जेल मंत्री कृष्णलाल पंवार, राम रहीम के अधिकार और कानूनी हक की वकालत कर रहे हैं तो बड़बोले मंत्री अनिल विज खुलकर समर्थन में उतर आए हैं।