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पंजाब में बड़ा रोल निभाते निभाते क्यों बागी होने लगे हरीश रावत? क्या राजनीति से लेंगे संन्यास?

डेस्क |

उत्तराखंड में कुछ ही महीनों में चुनाव होने हैं. चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपनी ही पार्टी के संगठन पर सवाल खड़े किए हैं. हरीश रावत ने ट्वीट करते हुए पार्टी के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है और पार्टी पर सहयोग न करने का बड़ा आरोप लगाया है.

उन्होंने एक के बाद कई ट्वीट किए, जिससे साफ जाहिर हो रहा है उनके और पार्टी के बीच सबकुछ ठीक नहीं है. हरीश रावत ने ट्वीट में लिखा, “है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है. जिस समुद्र में तैरना है.”

उन्होंने कहा कि संगठन सहयोग की बजाय नकारात्मक भूमिका निभा रहा है. निराशा जाहिर करते हुए उन्होंने ये तक कह दिया कि उन्हें महसूस हो रहा है कि अब विश्राम का वक्त आ गया है.

हरीश रावत प्रदेश के उन चुनिंदा नेताओं में शामिल हैं, जो बेबाकी से इंटरनेट मीडिया के जरिये अपने दिल की बात कह देते हैं. सूत्रों के मुताबिक हरीश रावत कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के रुख से नाखुश हैं. रावत पिछले कई महीनों से खुद को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किए जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन आलाकमान ने इसे खारिज कर सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कही है.