Mumbai:मुंबई हाइकोर्ट ने कंगना रणौत की Emergency पर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को फटकार लगाते हुए 25 सितंबर तक निर्णय लेने का आदेश दिए हैं। बृहस्पतिवार को कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कि चनात्मक आजादी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता और सेंसर बोर्ड कानून-व्यवस्था खराब होने की आशंका के कारण किसी फिल्म को प्रमाणपत्र देने से इन्कार नहीं कर सकता। न्यायमूर्ति बी. पी. कोलाबावाला और न्यायमूर्ति फिरदौस पूनीवाला की खंडपीठ ने कंगना रणौत अभिनीत फिल्म ‘इमरजेंसी’ को प्रमाणपत्र जारी करने के सिलसिले में निर्णय नहीं लेने पर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के प्रति नाराजगी व्यक्त की और 25 सितंबर तक निर्णय लेने का आदेश दिया। पीठ ने पूछा कि क्या सीबीएफसी को लगता है कि इस देश के लोग इतने भोले-भाले हैं कि वे फिल्म में दिखाई गई हर बात पर विश्वास कर लेंगे। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि सीबीएफसी राजनीतिक कारणों से फिल्म को प्रमाणपत्र जारी करने में देरी कर रहा है, इसपर हाई कोर्ट ने कहा कि फिल्म की सह-निर्माता कंगना रणौत स्वयं भाजपा की सांसद हैं और क्या सत्तारूढ़ पार्टी अपने सांसद के खिलाफ काम कर रही है?
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