धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड परीक्षाओं के पैटर्न में बड़े बदलाव की तैयारी कर रहा है। बोर्ड की परीक्षाओं में अब 50 फीसदी कंपीटेंसी बेस्ड (योग्यता आधारित) एमसीक्यू सवाल पूछे जाएंगे। 50 प्रतिशत ही साधारण रूप के लिखित प्रश्र होंगे।मौजूदा शैक्षणिक सत्र 2024-25 में मार्च में होने वाली फाइनल परीक्षाओं में ये प्रतिशतता 20 फीसदी रहेगी, इसके बाद धीरे-धीरे पैटर्न में बदलाव किया जाएगा। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी-2020 के तहत हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड यह बदला करेगा। इसमें एनसीईआरटी के विशेषज्ञों की ओर से शिक्षा बोर्ड और प्रश्र पत्र तैयार करने वाले शिक्षकों को टिप्स भी प्रदान किए जाएंगे। इसके लिए राज्यस्तर पर विशेष वर्कशाप का भी आयोजन होगा। आईसीएसई और सीबीएसई बोर्ड यह कवायद छेड़ चुका है। सचिव स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला मेजर डा. विशाल शर्मा ने इस बदलाव की पुष्टि की है ।
जानें क्या हैं कंपीटेंसी बेस्ड प्रश्न
योग्यता आधारित प्रश्न मुख्य तौर पर केस स्टडीज, तर्क और दावे, प्रतिक्रिया आधारित, ऑब्जेक्टिव टाइप या फिर प्रश्नों के अन्य प्रारूप के रूप में पूछे जाने वाले प्रश्न होते हैं। ये प्रश्न मल्टीपल चॉइस प्रश्न – एमसीक्यू प्रश्न (MCQ Question) के रूप में आते हैं, जिसमें से छात्रों के सही उत्तर का चुनाव करना होता है। योग्यता आधारित प्रश्न वास्तविक जीवन की स्थितियों से संबंधित प्रश्न होते हैं और ये इन स्थितियों में आपकी उच्च-स्तरीय सोच कौशल (High-Order Thinking Skill) का आकलन करता है। योग्यता आधारित प्रश्नों का मुख्य उद्देश्य छात्रों में मूल अवधारणाओं को याद रखने की बजाय उनमें गुणात्मक और तार्किक शिक्षा को बढ़ावा देना है।
⇒ योग्यता आधारित प्रश्नों से बच्चों में सोच कौशल बढ़ता है।
⇒ इस प्रकार के प्रश्नों से बच्चों में सामाजिक और भावनात्मक कौशल को बढ़ावा देने में मदद मिलती है।
⇒ छात्रों में आलोचनात्मक और विश्लेषणात्मक सोच और समस्या सुलझाने की क्षमता को बढ़ाती है। ⇒ ये छात्रों को वैश्विक क्षमता के लिए तैयार करती है।
⇒ छात्रों की तार्किक सोच की क्षमता को बढ़ाता है।