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मैं हिंदू हूं, हिंदुत्ववादी नहीं, कांग्रेस की ‘महंगाई हटाओ महारैली’ में बोले राहुल गांधी

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राजस्थान के जयपुर में कांग्रेस ने ‘महंगाई हटाओ’ महारैली का आयोजन किया। इस रैली में सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी ने भी भाग लिए। इसके अलावा कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेताओं ने भी रैली को संबोधित किया। सभी नेताओं ने एक के बाद एक जमकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी में रैली में एक बार फिर हिंदू और हिंतुत्व का मुद्दा उठाते हुए लोगों को हिंदू और हिंदुत्व का अंतर समझाया।

राहुल गांधी ने कहा, जो हिंदू होता है वह हर धर्म को मानता है लेकिन जो हिंदुत्ववादी होता है वह किसी धर्म को नहीं मानता। वह सिर्फ हिंसा में विश्वास रखता है। मैं हिंदू हूं हिंदुत्ववादी नहीं, मैं अहिंसा में विश्वास रखता हूं। महात्मा गांधी हिंदू थे और गोडसे हिंदुत्ववादी था। चाहे कुछ भी हो जाए हिंदू सत्य को ढूंढता है। उसकी राह पूरी जिंदगी भर सच ढूंढने में निकलती है, महात्मा गांधी ने पूरी जिंदगी सच को ढूंढने में निकाली, अंत में हिंदुत्ववादी ने उनकी छाती में तीन गोलियां दागी। हिंदुत्ववादियों को सत्य से कुछ लेना देना नहीं है। हिंदुत्ववादी सत्ता के भूखे होते हैं। 2014 से हिंदुत्ववादी सत्ता में है और हिंदू सत्ता से बाहर। हमें इन हिंदुत्ववादियों को सत्ता से हटाकर हिंदुओं को सत्ता में लाना है।

उन्होंने कहा आप सब हिंदू हो, हमें डराया नहीं जा सकता, हम मौत से नहीं डरते। हिंदुत्ववादी को सिर्फ सत्ता चाहिए, सत्य नहीं। उनका रास्ता सत्याग्रह नहींस सत्ता ग्रह है। हिंदू अपने डर का सामना करता है, वो शिव की तरह अपने डर को पी जाता है। ये देश हिंदुओं का देश है हिंदुत्ववादियों का नहीं है और आज इस देश में महंगाई, दर्द, दुख है तो ये काम हिंदुत्ववादियों ने किया है। हिंदुत्ववादियों को किसी भी हालत में सत्ता चाहिए। उन्होंने कहा, ”रैली महंगाई के बारे में है, बेरोजगारी के बारे में है, आम जनता को जो दर्द हो रहा है उसके बारे में है। देश की आज जो हालत है वह सबको दिख रहा है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। पूरा का पूरा ध्यान चार-पांच पूंजीपतियों पर है। हिन्दुस्तान के सारे इंस्टिट्यूशन एक संगठन के हाथ में है।”

राहुल गांधी ने आगे कहा कि देश को तीन-चार पूंजीपति चला रहे हैं। हमारे प्रधानमंत्री पूंजीपतियों का काम कर रहे हैं। नोटबंदी हुई, जीएसटी लागू किया गया, काले कानून बनाए गए और कोरोना के समय देश की जनकी की हालत देखी। अगर इन चीजों पर बोलने से पहले मैं आज आपसे एक दूसरे बात करना चाहता हूं। देश के सामने कौन सा युद्ध है। युद्ध कौन सी विचारधाराओं के बीच में है।