एक ओर जहां भारत-चीन की सेना सीमाओं पर पिछले डेढ़ साल से आमने हैं वहीं भारत-चीन के बीच का व्यापार 75 खरब रुपये के पास पहुंच गया है. इस समय दोनों देशों में 74.67 खरब का व्यापार हो रहा है जोकि पिछले वर्ष इसी अवधी में 22 प्रतिशत बढ़ा है. और तो और फायदे में चीन ही दिख रहा है.
प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर भारत योजना के बावजूद चीन ये निर्यात घटता नजर नहीं आ रहा है. चीन ने इस वर्ष 57 खरब से ज्यादा का सामान बेचा है. वहीं भारत की तरफ से चीन को सिर्फ 17.49 खरब का ही आयात किया जा रहा है. आपको बाता दें कि चीन को दुनिया की फैक्ट्री के नाम से जाना जाता है.
पिछले साल चीन के भारतीय सीमा में घुसपैठ के चलते भारत में चीनी उत्पादों का भारी बहिष्कार देखने को मिला था. सरकार ने भी चीन की कई कम्पनियों पर प्रतिबंध लगा दिये थे और आत्मनिर्भर भारत का ऐलान दिया था, लेकिन अभी तक भारत से आयात में बढ़ोतरी देखना बाकी है.
भारत चीन को कॉटन और उसके उत्पाद और लौह के अयस्क आयात करता है. वहीं चीन मेकेनिकल और इलेक्ट्रिकल उत्पाद भारत को आयात करता है.
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