14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 40 भारतीय जवानों की शहादत के बाद देशभर में रोष है। इस जाघन्य घटना के बाद सरकार ने कई कदम उठाए हैं। वहीं सेना भी कश्मीर में आतंकवादियों के सफाया करने में लगी हुई है। इन सब बातों के बीच अब एक ऐसी खबर सामने आई है जिससे अंतराष्ट्रीय क्रिकेट पर बहुत बड़ा असर पड़ सकता है।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक बीसीसीआई के कुछ पूर्व अधिकारियों ने ऐसी आवाज़ उठाई है कि इस साल मई महीने से शुरु होने वाले विश्वकप में भारत और पाकिस्तान के बीच कोई मैच नही होना चाहिए।
पूर्व बीसीसीआई सचिव संजय पटेल उनमें से एक हैं जिन्होंने पुलवामा हमले के विरोध में अपनी बात रखी है।उन्होंने कहा कि 'आप कैसे सोच सकते हैं कि भारत पाकिस्तान के साथ खेल सकता है जबकि हमने अपने इतने सारे भाइयों को एक कायर आतंकवादी हमले में खो दिया है। उन्होंने कहा कि भारत को पाकिस्तान से विश्वकप में भी नहीं खेलना चाहिए।
वहीं इस मामले में बीसीसीआई के पूर्व अधिकारी संजय पटेल ने कहा कि 'अगर हम उनके साथ विश्वकप में मैच खेलते हैं तो ये स्थिति बनेगी कि खेल देश से बड़ा है। लेकिन मेरे लिए देश पहले है और सिर्फ मेरे लिए ही नहीं बल्कि हर हिन्दुस्तानी के मन में ऐसे ही विचार हैं। क्रिकेट तभी हो सकता है जब पाकिस्तान आतंकवाद को रोकेगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा सीओए और बीसीसीआई को इस बात पर संज्ञान लेंना चाहिए।
इससे पहले ही आईपीएल के पूर्व चेयरमैन राजीव शुक्ला ने कहा था कि खेल, राजनीति से ऊपर है लेकिन जब तक पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद नहीं रुकता तब तक इससे खेल पर भी असर पड़ेगा।
30 मई से शुरु होने वाले क्रिकेट विश्वकप में 16 जून को इंग्लैंड के मैंचेस्टर में भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला खेला जाना है। जबकि दोनों देशों के बीच द्वीपक्षीय सीरीज़ खेले लगभग 6 साल हो चुके है। आखिरी बार साल 2012-13 में दोनों देशों के बीच दो देशों की वनडे और टी20 सीरीज़ खेली गई थी।
गौरतलब है कि बीती 14 फरवरी को जम्मू से श्रीनगर जाने वाले सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर पुलवामा में आतंकवादी ने आत्मघाती हमला किया था। जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे।पाकिस्तान के जैश ए मोहम्मद आतंकवादी संगठन ने बाद में इस हमले की जिम्मेदारी भी ली।