यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर, गोवा सहित 5 राज्यों में चुनाव खत्म होते ही कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। मसलन महंगाई बढ़ सकती हैं। पेट्रोल-डीजल का हमारी जेब पर बोझ बढ़ा सकता है। रसोई से लेकर बुनियादी जरूरत की चीजों के दामों में बढ़ोतरी हो सकती है। कई योजनाओं पर रोक लग सकती है।
रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पेट्रोलियम कंपनियों को इसका नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके बावजूद 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों की वजह से भारतीय बाजार में पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ, लेकिन अब चुनाव निपटने के बाद इनकी कीमतों में तेजी से उछाल देखने को मिलेगा।
पिछले साल नवंबर की शुरुआत में जब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी पर रोक लगी थी, तब क्रूड ऑयल की प्राइस 81.5 डॉलर प्रति बैरल थी, जो अब 130 डॉलर प्रति बैरल के आंकड़े को पार कर गई है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा है कि ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ने से खुदरा तेल बेचने वाली कंपनियां परेशान हैं। अपने नुकसान की भरपाई के लिए उन्हें 16 मार्च 2022 या उससे पहले पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 12.1 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी करनी होगी। इसमें अगर तेल कंपनियों के मार्जिन को जोड़ लें तो 15.1 रुपए प्रति लीटर तक कीमतें बढ़ सकती हैं।
क्रूड ऑयल की कीमतों में उछाल के बाद तेल कंपनियां रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी कर सकती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आने वाले दिनों में 15 रुपए प्रति किलो तक रसोई गैस की कीमतें बढ़ सकती हैं। हाल ही में तेल कंपनियों ने कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में 105 रुपए का इजाफा किया गया है।
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